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27 अप्रैल 2024
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Uttaranchal

हल्द्वानी में घरों में कैद है 70 हजार की आबादी, इलाके में कर्फ्यू, दंगाइयों को गोली मारने का आदेश

Posted on: Sat, 10, Feb 2024 12:27 PM (IST)
हल्द्वानी में घरों में कैद है 70 हजार की आबादी, इलाके में कर्फ्यू, दंगाइयों को गोली मारने का आदेश

उत्त्राखण्ड डेस्कः हल्द्वानी में तनाव कायम है। जनता संगीनों के साये में है। हर कोई दहशजदा है। कुछ भी हो सकता है, लोगों को इस बात की आशंका सता रही है। हिंसा के तीसरे दिन शनिवार को भी कर्फ्यू जारी है। यहां स्कूल-कॉलेज बंद हैं और अफवाहों को रोकने के लिए प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को ठप कर दिया है। हल्द्वानी के बाद रामनगर में भी धारा 144 लागू की गई है।

दंगाग्रस्त इलाका बनभूलपुरा अर्द्धसैनिक बलों के हवाले है। 2 किमी के दायरे में रहने वाली करीब 70 हजार की आबादी घरों में मुकम्मल कैद हो गई है। पुलिस ने 18 लोगों को नामजद करते हुए 5000 उपद्रवियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। 10 से अधिक लोग हिरासत में है। स्थानीय प्रशासन ने दंगे में 5 लोगों की मौत की पुष्टि की है। एक युवक की मौत बरेली के निजी अस्पताल में होने की बात कही जा रही है। लेकिन प्रशासन इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है। इसको जोड़ा जाये तो कुल 6 लोग अपनी जांन गंवा चुके हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हल्द्वानी दौरे के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भी हल्द्वानी पहुंचे। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि हल्द्वानी के दंगे स्थानीय प्रशासन और खुफिया तंत्र की नाकामी का नतीजा हैं। उन्होंने कहा कि मलिक के बगीचे में सबंधित जमीन को नगर निगम ने खाली करा लिया था। मदरसे को निगम ने सील भी कर दिया गया था। उस समय लोगों ने विरोध के बजाए प्रशासन का सहयोग किया था। मामले में सुनवाई के लिए 14 फरवरी की डेट लगी थी। फिर जल्दबाजी में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई क्यों की गई।

उन्होने पूरी हिंसा और इसके कारणों की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा इस तरह के दंगों से राजनीतिक पार्टी को लाभ पहुंचता है। इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए। शुक्रवार को मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में जिन शवों के पोस्टमॉर्टम कराए गए उनमें फईम (26 साल) पुत्र मोहम्मद नासिर निवासी गांधी नगर हल्द्वानी, शहनवाज (20 साल) पुत्र शफीक अहमद निवासी आजाद नगर हल्द्वानी, अनस (16 साल) पुत्र जाहिद निवासी गफूर बस्ती हल्द्वानी, जाहिद (45 साल) पुत्र नूर मोहम्मद निवासी गफूर बस्ती हल्द्वानी और प्रकाश (23 साल) पुत्र श्याम देव निवासी शहना बाजपुर शामिल हैं।

इन सभी की मौत गोली लगने से बताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि आरिस नाम के युवक को भी सिर में गोली लगने के बाद बरेली रेफर किया गया था। बरेली के एक निजी अस्पताल में उसकी मौत की बात कही जा रही है, लेकिन स्थानीय प्रशासन इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है। उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने हल्द्वानी में मीडिया से कहा कि बनभूलपुरा हिंसा सोची समझी साजिश का हिस्सा लग रही है। इसमें शामिल उपद्रवियों के खिलाफ पुलिस एनएसए और यूएपीए के तहत कार्रवाई करेगी। हल्द्वानी के सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्‌ट का कहना है कि हिंसा में नगर निगम की करीब 5 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है।

उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने को आग लगा दी थी। पुलिस के वाहनों में भी आग लगाई। पुलिस का भी करीब 2 करोड़ रुपये का नुकसान बताया जा रहा है। टोटल करीब 10 करोड़ रुपये की संपत्ति के नुकसान की बात कही जा रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी साफ कर चुके हैं कि इस नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से की जाएगी। पुलिस ने बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में मलिक के बगीचे और आसपास के करीब 2 किमी एरिया को सील कर दिया है। इलाके में कर्फ्यू लगा है और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश हैं। ये पूरा मुस्लिम बहुल इलाका है।

इस एरिया में करीब 70 हजार की आबादी रहती है। गुरुवार शाम को हिंसा भड़कने के बाद से ही ये लोग घरों में कैद हैं। इस इलाके में प्रशासन की ओर से दूध, सब्जी और रोजमर्रा की जरूरत की चीजों की सप्लाई की भी कोई व्यवस्था अभी तक नहीं की गई है। पुलिस के साथ ही अद्धसैनिक बल लगातार रूट मार्च कर रहे हैं। स्थानीय पुलिस-प्रशासन ने इस इलाके में मीडिया कवरेज पर भी रोक लगा रखी है।

बताया जा रहा है गुरुवार शाम करीब 4ः30 बजे जैसे ही निगम की जेसीबी ने मदरसे को गिराना शुरू किया। स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। पहले महिलाएं आगे आईं। इसके बाद पुरुषों ने हमला कर दिया। आस-पास के घरों से पथराव हुआ। छतों से पेट्रोल बम भी चलाए गए। हिंसा भड़कती गई और भीड़ ने 50 बाइक, पुलिस की डायल 112 की गाड़ी और जेसीबी में आग लगा दी। इसके बाद करीब 2 किमी का इलाका पूरी तरह से हिंसा की चपेट में आ गया। डीएम का कहना है कि उपद्रवियों ने पथराव से शुरुआत की थी फिर उन्होंने गोली और पेट्रोल बम भी चलाए।




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