सीएम आवास के सामने परिवार संग आत्महत्या करेगा पत्रकार
हरदोईः (प्रदीप सोनी) पत्रकारों व बेटियों की सुरक्षा और सम्मान को लेकर भले ही पूर्ववती सपा सरकार और अब योगी सरकार बड़ी बड़ी बातें करती रही हो लेकिन उनके इरादे पुलिसिया कार्य प्रणाली के चलते दम तोड़ देते हैं। इसकी बानगी देखने को मिल रही है हरदोई जनपद की तहसील बिलग्राम के गाँव पसनेर में, जंहा पर एक पत्रकार की बेटी से स्कूल के अध्यापक द्धारा की गयी छेड़छाड़ की घटना के कई वर्ष बीत जाने के बाद अब तक पीड़ित पत्रकार अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए दर दर भटक रहा है। बताते चलें कि पसनेर निवासी पत्रकार संजीव द्विवेदी की पुत्री रामचंद्र रामरानी इंटर कालेज की छात्रा थी जिससे कुछ वर्ष पूर्व कालेज के प्रबंधक देवेंद्र दिवेदी ने बुरी नजर से छेड़छाड़ कर गलत कार्य करने का प्रयास किया। पीड़िता राधा द्धारा शोरगुल मचाने पर देवेंद्र वंहा से भाग गया और राधा ने घर पंहुचकर पूरी बात अपने परिजनों को बताई।
बेटी से हुई छेड़छाड़ की घटना की शिकायत पीड़िता के पिता संजीव द्विवेदी ने जब स्थानीय थाने में की तो पहले तो उसकी रिपोर्ट दर्ज करने के स्थान पर पुलिस ने उसे थाने से भगा दिया लेकिन बाद में पत्रकार संगठन द्धारा दबाब बनाने पर पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया परन्तु कुछ दिनों के बाद मामले को दबाने के लिए फाइनल रिपोर्ट लगा दी। पुलिस द्धारा न्याय न मिलता देख संजीव ने एक बार उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन से संपर्क साधा और पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव कर कार्यवाही की मांग तो तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक बीसी दुबे ने 15 दिनों में जांच कर कार्यवाही किये जाने का आश्वासन देकर मामले की जाँच क्राइम ब्रांच को सौंप दी।
अपर पुलिस अधीक्षक द्धारा जांच सौपें जाने के बाद जब क्राइम ब्रांच की टीम पीड़िता के घर पंहुची तो उसने पीड़िता का ब्यान दर्ज करे बिना उल्टे मामले को दबाने का दबाब डालना शुरू कर दिया। लेकिन पीड़िता के पिता ने हार नही मानी और फिर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जिसके बाद पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल तो करा दिया लेकिन आरोपियों पर आज भी उनकी नजरें इनायत है। इस संबंध में जब पीड़िता के पिता संजीव द्विवेदी से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि कई सालों से अपनी बेटी को लेकर पुलिस के पास न्याय के लिए भटक रहा है लेकिन पुलिस द्धारा उसे इन्साफ दिलाने के स्थान पर आरोपियों से सांठ गाँठ करके उल्टे उसे ही फर्जी मुकदमें में फंसाने की धमकी दी जा रही है। पीड़िता के पिता ने आगे जोड़ा कि उसे अब जिला प्रशासन व जनपद की पुलिस से न्याय मिलने की उम्मीद नही है इसलिए उसने 28 जून को सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री आवास के सामने सपरिवार आत्मदाह करने का निर्णय लिया है और आत्मदाह के बाद उसके परिवार के सदस्यों की मौत की सारी जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस प्रशासन व आरोपी की होगी।