फर्जी राशन कार्डों से छीन रहे गरीबों का निवाला
श्रीगंगानगर ब्यूरोः (विनू सोखल) श्रीगंगानगर जिले में फर्जी राशन कार्डां के जरिये खाद्य सुरक्षा योजना का गेहूं उठाकर खा गये और डकार तक नहीं ली। मामले की जब शिकायत हुई तो जिला कलक्टर ने इसकी जांच एडीएम सिटी वीरेन्द्र वर्मा को सौंपी। इसमें पूर्व डीएसओ सुनील वर्मा को दोषी माना गया है। जांच रिपोर्ट में अब तक यह सामने आया है कि 1200 से अधिक फर्जी राशन कार्ड तैयार किये गये और डीपो होल्डरों से मिलीभगत कर हर महीने हजारों क्विंटल गेहूं उठाया जाता रहा। आपसी मिलीभगत से यह अधिकारी गेहूं की बंदरबांट करते रहे। इस मामले की शिकायत पूर्व डीपो होल्डर महेन्द्र मेहता ने की, जिसके बाद जांच का सिलसिला शुरू हुआ। जिन फर्जी राशन कार्डां को तैयार किया गया है, उस पर पूर्व डीएसओ सुनील वर्मा के हस्ताक्षर हैं।
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि पूर्व डीएसओ सुनील वर्मा व निलम्बित प्रवर्तन अधिकारी संदीप गौड़ जब यहां रसद विभाग में कार्यरत थे, तब रसद घोटाला हुआ और सरकार ने संदीप गौड़ को निलम्बित कर दिया तथा सुनील वर्मा को एपीओ किया गया। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने सुनील वर्मा को निलम्बित करने की अनुशंसा कार्मिक विभाग को कर दी है। आज भी कार्मिक विभाग के पास सुनील वर्मा के निलम्बन की अनुशंसा की फाइल पड़ी हुई है। इस फाइल पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के भी हस्ताक्षर हैं, लेकिन विभाग निलम्बन को अटकाये हुए है।
जिस समय विभाग के डायरेक्टर राजीव ठाकुर थे, तब तक तो मामला तेजी से चला, लेकिन इसके बाद परिस्थितियां बदल गई हैं। अब 1200 राशन कार्डां का मामला सामने आने के बाद सुनील वर्मा पर विभागीय कार्यवाही हो सकती है। एडीएम सिटी ने इस मामले की गहराई से जांच की है। इसमें साफ तौर पर यह कहा जा सकता है कि जानबूझकर फर्जी राशन कार्ड तैयार किये गये और सरकार को राजस्व का चूना लगाया गया। जिन कर्मचारियों के बयान लिये गये हैं, उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की है कि यह राशन कार्ड फर्जी थे और इसमें भारी गबन हुआ है।