14 मई को हुई हिंसा मामले की मजिस्ट्रेटी जांच में मागे जा रहे साक्ष्य
रायबरेली ब्यूरोः (आकाश अग्निहोत्री) जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बीती 14 मई को लखनऊ-प्रयागराज हाईवे पर हुई हिंसा के मामले की हो रही मजिस्ट्रेटी जांच में जिला पंचायत सदस्यों के बयान व दस्तावेज लेने का काम शनिवार को पूरा हो गया। मामले की जांच कर रहे एडीएम (वित्त एवं राजस्व) ने एसपी, सीएमओ और एनएचएआई के परियोजना निदेशक को पत्र भेजकर घटना के संबंधित अब तक हुई कार्रवाई के संबंध में दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है, जिससे मजिस्ट्रेटी जांच को पूरा किया जा सके। बीती 14 मई को जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जिला पंचायत सभागार में बैठक और मतदान होना था। जिला पंचायत सदस्यों को मतदान से रोकने के लिए हाईवे पर बछरावां स्थित टोल प्लाजा पर जिला पंचायत सदस्यों को पीटने और अगवा करने का प्रयास किया गया था।
इस संबंध में सीसीटीवी में कैद वीडीओ भी वायरल हुआ था। इसके अलावा हरचंदपुर थाना क्षेत्र के कठवारा के पास भी सदर विधायक अदिति सिंह के वाहन भी पलट गए थे। मामले में कई लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। शासन के आदेश पर मजिस्ट्रेटी जांच हो रही है। एडीएम के सामने पेश होकर जिला पंचायत सदस्य राधेश्याम, राजेश कुमार, जितेंद्र कुमार, चंद्रिका प्रसाद सहित 17 से अधिक डीडीसी सदस्यों ने बयान दर्ज कराए गए हैं। घटना के संबंध में दस्तावेज भी एडीएम को सौंपे गए हैं।
डीडीसी सदस्यों द्वारा दिए गए दस्तावेजों की जांच के लिए एसपी, सीएमओ और एनएचएआई के परियोजना निदेशक से रिपोर्ट मांगी है। एनएचएआई के परियोजना निदेशक से टोल प्लाजा के सीसीटीवी में कैद हुए फुटेज को उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। मामले में थानों में दर्ज मुकदमों व अन्य दस्तावेजों के लिए एसपी को पत्र भेजा गया है। इसके अलावा इलाज से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए सीएमओ को आदेश दिए गए हैं।
अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद ही मजिस्ट्रेटी जांच पूरी हो सकेगी। एडीएम वित्त-राजस्व राजेश प्रजापति के अनुसार बीती 14 मई को हाईवे पर हुई घटनाओं की मजिस्ट्रेटी जांच की जा रही है। डीडीसी सदस्यों के बयान दर्ज कराने के साथ ही दस्तावेज लेने का काम पूरा हो गया है। दस्तावेजों की जांच के लिए एसपी, सीएमओ व एनएचएआई से घटना के संबंध में अब तक हुई कार्रवाई के संबंध में साक्ष्य मांगे गए हैं। साक्ष्य आते ही जांच को पूरा कर दिया जाएगा।