यहां टूट रहे हैं राजीव जी के सपने
अमेठीः (अश्वनी कुमार श्रीवास्तव) कांग्रेस का अमेठी से पुराना नाता रहा है। भारत ही नहीं विश्व के किसी भी कोने में अमेठी संसदीय क्षेत्र का नाम बताने पर लोग कहते थे राजीव जी की अमेठी। जहां से उस युगदृष्टा ने भारत के नवनिर्माण की नींव रखी थी। ऐसे सपनों की अमेठी थी स्वर्गीय राजीव गांधी जी की। राजीव जी को समय ने समय से पहले छीन लिया, उनके बाद अमेठी की जनता को भरोसा दिलाया गया था कि राजीव जी के सपनों को बड़े होने पर राहुल गांधी पूरा करेंगे। लेकिन अब तो लगभग उसी उम्र के राहुल जी हो रहे होंगे जिस उम्र में राजीव जी ने अमेठी के विकास का सपना देखा था।
सांसद राहुल गांधी के पास शायद पिता के सपने और सपनों की अमेठी बनाने का समय नही है। ना उनका खुद का कोई सपना ही है। राजीव जी की नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शैक्षिक विकास हेतु अनेकों सोसाइटी द्वारा संचालित मान्यता प्राप्त विद्यालय भवन जर्जर होकर गिर रहे हैं। उनमें कार्यरत शिक्षक व कर्मचारी अनुदान की आशा लिए रिटायर हो जा रहे हैं। विकास का आलम ये है कि वर्तमान में सांसद निधि का धन बिना खर्च वापस लौटा दिया जाता है। शिक्षा का विकास कैसे होगा सुनने वाला कोई नहीं है। बंद पड़ी अनेकों फैक्ट्रियां मानो अनाथ हो गई है। पढ़े-लिखे बच्चे रोजगार की आस में भटक रहे हैं। क्षेत्र की खराब सड़कें, सिंचाई, बिजली, नलकूप, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि विकास के कार्यों की चिंता माननीय को नहीं है। धीरे धीरे अमेठी सांसद कौन है प्रश्न पूछने पर लोग राहुल जी का नाम ही नहीं बता पाते। कुल मिलाकर खुद के लिये नही तो कम से कम राजीव जी के लिये तो अमेठी को सजने संवरने का हक बनता है। लेकिन राहुल उनके सपनों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं।