धूमधाम से मना आर्य समाज गांधी नगर का 105 वां वार्षिक उत्सव
बस्ती 18 मार्च। आर्य समाज गांधी नगर बस्ती का 105 वां वार्षिक उत्सव आर्य समाज मंदिर के प्रांगण में 16 से 18 मार्च 2024 तक मनाया गया। जिसमें आर्य जगत के सुप्रसिद्ध महोपदेशक आचार्य सुरेश जोशी एवं आचार्या रुक्मिणी भजनोपदेशिका बाराबंकी, पं0 नेम प्रकाश त्रिपाठी भजनोपदेशक लखनऊ व स्थानीय भजनोपदेशक सत्येन्द्र वर्मा मंचासीन होकर वैदिक ज्ञान की वर्षा किए।
कार्यक्रम सत्येन्द्र वर्मा भजनोपदेशक ने भोजपुरी गीत ‘चली अब सुनी ज्ञान सत्संगवां की आर्य समाज बोलौले बाय’ प्रस्तुत किया जिसे श्रोता गण दुहराते रहे। पं० नेम प्रकाश त्रिपाठी ने स्वामी दयानंद सरस्वती के जीवन पर गीत सुना कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। आचार्या रुक्मिणी ने ‘सारे जहां के वाली तेरी महिमा अजब निराली किसी ने तेरा भेद न पाया है’ जैसे सुन्दर भजनों से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। लोग खुशी से झूमते नजर आए। अंत में आचार्य जोशी ने शिक्षा और संस्कार विषय पर बताया कि गुरुकुल शिक्षा पद्धति में शिक्षा और संस्कार दोनों दिए जाते थे परन्तु आज जो स्कूल है, ईसा का कुल हो गया है जिसमें शिक्षा तो दी जाती है पर संस्कार नहीं।
आचार्य जोशी ने परिवार कल्याण की चर्चा करते हुए कहा कि बच्चों को संस्कार माता-पिता द्वारा आवश्यक रूप से दी जानी चाहिए।हमारे देश में शिक्षा और संस्कार पाने लोग विदेशों से आते थे तभी भारत जगत गुरु कहलाता था। आचार्य जोशी के इस प्रवचन पर श्रोतागण खूब ध्यानावस्थित होकर कथा का श्रवण किए। कार्यक्रम के अंतिम दिन देव यज्ञ, भजन प्रवचन, पं० नेम प्रकाश त्रिपाठी द्वारा धनुर्विद्या की विशेष प्रस्तुति रही। तत्पश्चात ब्रम्ह यज्ञ, भजन प्रवचन के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन शान्ति पाठ एवं जयघोष उपरांत की गई। सभा में आर्य समाज टांडा, खलीलाबाद, मगहर, लालगंज, मुंडेरवा, रेलवे स्टेशन बस्ती, डुमरियागंज, कलवारी आदि से काफी लोग व स्थानीय धर्म प्रेमी माताएं बहनें व श्रोता उपस्थित रहे। लोगों ने यह भी कहा कि आर्य समाज के विचारों से ही सनातन धर्म सुरक्षित एवं संरक्षित किया जा सकता है।सभा का कुशल संचालन मंत्री राधेश्याम सिंह ने किया।