डीएम दिव्या मित्तल का फरमान, लिंग परीक्षण किये तो सीज होंगे अल्ट्रासाउण्ड सेण्टर
संत कबीरनगर (संजय श्रीवास्तव) जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने कहा कि लैंगिक विभेद को दूर करने के लिए जनमानस को जागरुक होना होगा। समाज में व्याप्त भ्रान्तियों को दूर करना होगा। लिंग निर्धारण में अल्ट्रासाउण्ड सेण्टर भी मुख्य भूमिका अदा करते हैं। अगर किसी अल्ट्रासाउण्ड सेण्टर पर प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण का मामला सामने आया तो उसे सीज तो किया ही जाएगा, संचालक की डिग्री भी निरस्त कर दी जाएगी। खामी मिलने पर मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा तथा कड़ी वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। यह बातें उन्होने प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण निगरानी समिति की बैठक को सम्बोधित करते हुए कही। इस समिति के समुचित प्राधिकारी जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने आगे कहा कि जो भी अल्ट्रासाउण्ड सेण्टर हैं, वे अपना रिकार्ड मेण्टेन रखें, इसको किसी भी समय चेक किया जा सकता है। चेकिंग के दौरान अगर खामियां मिलीं तो कार्यवाही तय है। एसीएमओ डॉ मोहन झा ने कहा कि अगर कोई अल्ट्रासाउण्ड सेण्टर किसी का अल्ट्रासाउण्ड करता है तो वह उससे फार्म एल जरुर भरवाए तथा अपने रिकार्ड में रखे।
साथ ही उसको आनलाइन भी करे। सारे रिकार्ड पूरी तरह से मेण्टेन होने चाहिए। अगर कोई भी रिकार्ड नहीं मिलता है तो कार्यवाही की जाएगी। अल्ट्रासाउण्ड सेण्टरों का निरन्तर समिति के लोग निरीक्षण करते रहेंगे। ताकि कहीं भी अव्यवस्था का माहौल न बन सके। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ओपी चतुर्वेदी, महिला चिकित्सक डॉ उमा श्रीवास्तव, डॉ शशि सिंह, डॉ विजय कुमार गुप्त, के साथ ही साथ विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्य, समाज के विभिन्न वर्गों के लोग तथा जिले के अल्ट्रासाउण्ड सेण्टरों के मालिक व अन्य लोग उपस्थित थे।