धनतेरस पर बाजारों में दिखी रौनक
लालगंज-प्रतापगढ़ (चंदन विश्वकर्मा) धन-वैभव की देवी मां लक्ष्मी के पर्व धनतेरस पर बाजारों में जमकर खरीददारी हुई। धनतेरस पर्व को लेकर रविवार शाम से ही कस्बा लालगंज में दुकानें सजनें लगी थीं और सोमवार को सुबह से ही आकर्षक ढंग से सजी दुकानें ग्राहकों के आगमन की प्रतीक्षा में दिखाई देने लगीं। सोमवार को दोपहर से ही खरीददारों की लम्बी कतार दुकानों में दिखने लगी जो देर शाम तक जारी दिखी। लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा को अपने घर लाने के लिए उनकी खरीददारी करने के साथ ही लोग लावा, लाई, गट्टा, मिट्टी के दिए, धूपबत्ती, अगरबत्ती, झालर आदि की खरीददारी करते दिखाई दिए। धनतेरस देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करके घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि करने का दिन माना जाता है। इस दिन सम्पत्ति व समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी समेत कुबेर की पूजा करने का विधान धर्म शास्त्रों में बताया गया है, साथ ही साथ ही इस पर्व पर यमराज के निमित्त दीप जलाकर उनकी पूजा-व्रत का विधान भी प्राप्त होता है। इस पर्व पर आभूषणों, बर्तनों या धातु से बनी वस्तुओं के साथ ही लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा की खरीददारी करने का विधान धर्मशास्त्रों में मिलता है। ऐसी मान्यता है कि कीमती धातु एक अच्छी किस्मत का संकेत है। धनतेरस के दिन मिट्टी के दीप जलाने व दरवाजे पर या मुख्य द्वार पर चावल से लक्ष्मी के पग बनाने का विधान भी मिलता है। माना जाता है कि दीप जलाने से घर में रह रही बुरी आत्माएं घर से बाहर भाग जाने को विवश हो जाती हैं और घर में लक्ष्मी का आगमन हो जाता है।