ये मुल्क हमारा भी है-असअद मदनी
मऊ ब्यूरोः (सईदुज़्जफर) जमीयते उलेमा हिंद की तरफ से शुक्रवार की देर शाम मऊ जिले के मुस्तफाबाद सहन में सांप्रदायिकता तथा हमारा दायित्व व सामाजिक समरसता एवं कौमी एकता विषयक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मौलाना अब्दुल रब ने किया।
मुख्य अतिथि मौलाना महमूद असअद मदनी महासचिव जमीयते उलेमा हिंद ने कहा कि हम इस मुल्क के किराएदार नहीं है बल्कि इस मुल्क के सौ प्रतिशत हकदार हैं हमें छोड़कर मुल्क कभी चल नहीं सकता ना ही तरक्की कर सकता है, हिंदुस्तान एक सेकुलर देश है इस देश को आजाद कराने में मुसलमानों ने बड़ी बड़ी कुर्बानियां पेश की हैं देश की आजादी की मांग कर रहे 52000 ओलमा-ए-कराम को शहीद कर दिया गया और फांसी पर लटका दिया गया।
इस मुल्क में हम बराबर के हकदार हैं यह मुल्क हमारा है।
इस मुल्क को आजाद कराने में हमने खून पसीने एक करके कुर्बानियां पेश की हैं तब जाकर यह देश आजाद हुआ है जो लोग कुर्बानी देना जानते हैं, वह लोग मुल्क में बसना भी जानते हैं, मुल्क के साथ वफादारी भी जानते हैं इस देश के साथ हमारा संबंध हमारे खून से जुड़ा हुआ है। देश के लिए जो कानून बना उसके आर्टिकल में हमें मजहबी आजादी दी गई कुछ लीडर और पार्टियां यह सोच रहे हैं कि हम उनके रहमों करम पर जी रहे हैं जो कि बिल्कुल गलत है।
यह बात जान लेनी चाहिए कि किसी के रहमों करम पर मदारिस मसाजिद कायम नहीं है, यह हमारा कानूनी हक है सन 1919 में खिलाफत कमेटी की मुंबई ऑफिस में एक खुफिया मीटिंग हुई थी जिसमें महात्मा गांधी और बहुत से ओलमा मौजूद थे और यह चर्चा हो रही थी कि देश को कैसे आजाद करें उसमें यह बात आई कि मुसलमान अकेला आजादी के लिए कोशिश कर रहा है लेकिन अब हमें एकजुट होकर लड़ना होगा तभी इन अंग्रेज ताकतों से आजाद होंगे।