पिछड़े वर्ग के छात्रों को भी मिले उच्च शिक्षा में सुविधाएं
गोलूवाला, राजस्थान (बलविन्द्र खरोलिया) राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग की ओर से पंजाब पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, आर्थिक व शिक्षा उत्थान के लिए एक बैठक यू टी गेस्ट हाउस चंडीगढ़ में राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के चेयरमैन भगवान लाल साहनी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस मीटिंग में आयोग के उप चेयरमैन लोकेश प्रजापति, सदस्य कौशलेंदर पटेल व सुधा यादव उपस्थित थे।
मीटिंग में पंजाब से पिछड़ा वर्ग के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। ओ.बी.सी. वेलफेयर फ्रंट पंजाब मालवा जोन के अध्यक्ष श्री गुरमीत सिंह प्रजापति ने बैठक में शामिल हो ज्ञापन सौंप कर मांग की कि वर्ष 2021 में भारत सरकार द्वारा करवाई जा रही मरदमशुमारी के फार्म में ओबीसी समाज की जातीय जनगणना करवाने का कालम ही नहीं है। इस मरदमशुमारी में होने वाली जनगणना के फॉर्म में पिछड़े वर्ग के लिए भी कालम दर्ज किया जाए क्योंकि जनगणना में पहले ये कालम मौजूद नहीं है। गुरमीत सिंह प्रजापति ने बताया कि ओबीसी समाज की जातीय जनगणना अंग्रेजों द्वारा 1931 में करवाई गई थी उसके बाद 2011 में कांग्रेस सरकार द्वारा करवाई गई थी लेकिन ओबीसी समाज की हुई जनगणना के आंकड़े आज तक सार्वजनिक नहीं किए।
राजविंदर सिंह खतरीवाला ने मांग करते हुए कहा कि पंजाब में ओबीसी समाज को शिक्षक संस्थानों में मात्र 5 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिया हुआ है और सरकारी नौकरीयों में मात्र 12 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिया हुआ है जो कि ओबीसी समाज की आबादी के अनुसार 52 प्रतिशत देने का प्रावधान किया जाए और ओबीसी समाज के साथ किया जा रहा सौतेला व्यवहार बंद किया जाए। मीटिंग में अपने विचार व्यक्त करते हुए अखिल भारतीय शाक्य महासभा पंजाब के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष शाक्य ने पिछड़े वर्ग के छात्रों की शिक्षा पर बात रखते हुए बताया कि पिछड़े वर्ग को भी उच्च शिक्षा में अनुसूचित जाति के छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं की तरह सुविधाएं दी जाएँ ओर इस बाबत आयोग को ओ.बी.सी. वेलफेयर फ्रंट पंजाब की ओर से ज्ञापन भी दिया गया।