बीएसएफ ने संदिग्ध को दबोचा, पुलिस ने छोड़ा
दक्षिण दिनाजपुर (लक्ष्मी शर्मा) बंगाल के अति संवेदनशील भारत-बंग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) मुस्तैद है, वही स्थानीय बंगाल पुलिस की मिलीभगत व संवेदनहीनता सामने आई है। बीएसएफ ने एक संदिग्ध को बंगाल की पहाड़ी सीमा से दबोचा वहीं स्थानीय पुलिस ने 24 घंटें में जांच पूरी कर उसे छोड़ा दिया। इस बावत बीएसएफ 183 बीएन के कमांडेंट मसूद अजहर ने बताया की सीमा की सुरक्षा चाकचौबंद है, जहां परिंदा भी फर नही मार सकता।
बीएसएफ की कड़ी चौकसी के बाद पकडे गए संदिग्ध को 24 घंटे बाद ही छोड़ देने से स्थानीय पुलिस सवालों के घेरे में है। उधर जिला पुलिस अधिक्षक ने बताया की घटना की जानकारी नही है, एडीशनल एसपी को जांच के लिए बोला गया है। बताते चलें कि भारत-बंग्लादेश की सीमा पहाड़ी, आंतकी, जाली नोट, सोना जैसे सामानों को लेकर पहलें से ही अतिसंवेदनशील है, बावजूद स्थानीय पुलिस की लापरवाही सवलिया निशाना खड़ा करती है।
मिली जानकारी के अनुसार बीएसएफ ने भारत-बंग्लादेश की हिली थाना क्षेत्र के ग्राम दूरामन मजीबुर रहमान के पुत्र मोजमल मंडल (35) को बीएसएफ ने 25 की शाम को बंगाल के बीरभूमि जिले के पूरब बाजार निवासी रफीकुल शेष (40) व उसकी मां सलेहा बेगम को अवैध रूप से सीमा पार कराने के आरोप में बीएसएफ ने गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में मोजमल मंडल ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से हिली में भारतीयों को बंग्लादेश और बंग्लादेश से भारत में अवैध रूप से भेजता रहा है। इसके बदले में वह प्रति व्यक्ति 2000 रूपये लेता था।
हाल के दिनों में रोहंगिया मुसलमानों को भी अवैध रूप से स्थानीय प्रशासन की मिली भगत से भारत में प्रवेश दिलाने का काम करता रहा है। बीएसएफ ने पूछताछ के बाद स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। बावजूद इसके पुलिस ने 24 घंटे में ही छोड़ दिया। उधर बीएसएफ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मोजमल मंडल के तार जम्बू काश्मीर और हैदराबाद से उसके खाते में फंड ट्रांसफर होता रहता है।