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08 मई 2024
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Uttar pradesh

सरकार बैकफुट पर, RO, ARO परीक्षा रद, 6 माह में दोबारा होगी परीक्षा

Posted on: Sat, 02, Mar 2024 7:07 PM (IST)
सरकार बैकफुट पर, RO, ARO परीक्षा रद, 6 माह में दोबारा होगी परीक्षा

लखनऊ, उ.प्र.। लखनऊ और प्रयागराज में आरओ एआरओ परीक्षा को रद किये जाने की मांग को लेकर कई दिनों से जारी धरना प्रदर्शन का नतीजा अभ्यर्थियों के लिये सखद रहा। आखिरकार योगी सरकार बैकफुट पर आई और परीक्षा को रद करने का आदेश जारी करना पड़ा। यूपी में शनिवार को समीक्षा अधिकारी सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा रद्द कर दी गई।

यह परीक्षा 11 फरवरी को हुई थी। इसके बाद से ही इस परीक्षा में कथित रूप से प्रश्न पत्र के प्रश्नों के सोशल मीडिया पर वायरल होने के शिकायतें मिली थीं। इसके चलते शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी समीक्षा की। इसके बाद परीक्षा रद्द करने का आदेश दिया गया। अब इस परीक्षा को 6 महीने के अंदर दोबारा कराया जाएगा। इसके साथ ही सीएम योगी ने यह भी निर्देश दिए कि इस प्रकार के आपराधिक कृत्य में शामिल व्यक्तियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई है।

11 फरवरी को आरओ और एआरओ की प्रीलिम्स परीक्षा आयोजित की थी। इस दौरान पेपर आउट होने और क्वेश्चन पेपर की सील टूटने के आरोप लगे थे। इस परीक्षा के लिए 10 लाख 69 हजार 725 कैंडिडेट्स ने एप्लिकेशन फॉर्म भरा था। प्रदेश के 58 जिलों के 387 केंद्रों पर हुआ था। 11 फरवरी को 2 पालियों में पेपर हुआ था। इस दौरान प्रतापगढ़ के राम अंजोर मिश्र इंटर कालेज से एक अभ्यर्थी नकल करते पकड़ा गया था। उसकी पहचान प्रवीण कुमार पटेल के रूप में हुई थी। वह ब्लू-टूथ डिवाइस के साथ नकल कर रहा था। इसके अलावा गाजीपुर में परीक्षार्थियों ने सुबह की पहली पाली में परीक्षा से पहले पेपर का सील टूटी होने की बात कही थी।

इसके साथ ही जमकर हंगामा किया था। इसका वीडियो भी सामने आया था। हाल के वर्षों में देशभर की भर्ती परीक्षाओं में क्वेश्चन पेपर लीक होने के मामले बहुत बड़ी संख्या में सामने आए हैं। पिछले 5 वर्षों में 16 राज्यों में पेपर लीक की कम से कम 48 घटनाएं हुई हैं, जिससे सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से बाधित हुई है। इससे लगभग 1.2 लाख पदों के लिए होने वाली भर्ती से कम से कम 1.51 करोड़ आवेदकों का जीवन प्रभावित हुआ है। केंद्र सरकार ने सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक या नकल जैसी गड़बड़‍यिं पर लगाम लगाने के लिए 5 फरवरी को लोकसभा में ’लोक परीक्षा (कदाचार रोकथाम) विधेयक 2024’ पेश किया। इस बिल में परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों और संगठनों के लिए कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और 1 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। हालांकि राज्य स्तर की परीक्षाएं इसमें नहीं शामिल हैं।




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