दीदी का हड़ताल से इंकार, बाम दल हड़ताल को तैयार
वेस्ट बंगाल ब्यूरोः (पवन शुक्ला) 8 जनवरी को प्रस्तावित हड़ताल को सफल बनाने के लिए वाम और कांग्रेस के राष्ट्रव्यापी आह्वान का समर्थन करने से बंगाल की मुख्यमंत्री ने इनकार कर दिया है। वामपंथी ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत अखिल भारतीय आम हड़ताल से दो दिन पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में कोई हड़ताल नहीं होगी।
जबकि सिलीगुड़ी के सालूगाढ़ा में वामपंथी पार्षद दिलीप सिंह ने एक सभा का आयोजन कर हड़ताल को सफल बनाने के लिए लोगों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बाम दलों और कांग्रेस से जुड़ी कई ट्रेड यूनियनों ने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की आर्थिक नीतियों के खिलाफ 8 जनवरी को बंद का आह्वान किया है। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) का संरक्षण और न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि ट्रेड यूनियनों द्वारा की गई मांगों में शामिल हैं। वे नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) का भी विरोध करेंगे।
सभा को संबोधित करते हुए दिलीप सिंह ने कहा, “नरेंद्र मोदी सरकार और ममता बनर्जी सरकार की आर्थिक नीतियों में कोई अंतर नहीं है और इसीलिए हड़ताल को विफल करने का प्रयास किया जा रहा है।“ उन्होंने कहा कि आसनसोल से कोलकाता तक पिछले महीने लेफ्ट ट्रेड यूनियनों द्वारा आयोजित मार्च एक सफल रहा, और उन्हें उम्मीद है कि 24 घंटे की हड़ताल सफल होगा। जबकि सूबे की मुख्यमंत्री ने कहा “बंगाल में कोई बंद नहीं होगा। जब से हम सत्ता में आए हैं, हमने राज्य में किसी भी बंद को अनुमति नहीं दी है।
बंद के कारण क्या होगा? हजारों करोड़ बर्बाद हो जाएंगे और गरीबों को नुकसान होगा। सुश्री बनर्जी ने कहा कि मांगों का विरोध करने और उन्हें उजागर करने के अन्य साधन थे, “ न कि हड़ताल या बंद का आह्वान नहीं करके“। इससे पहले दिन में, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा एक अधिसूचना में कहा गया था कि “पहले छमाही में या दूसरे दिन या पूरे दिन या किसी अन्य छुट्टी के लिए कोई आकस्मिक अवकाश किसी भी कर्मचारी को नहीं दिया जाएगा।