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Bihar

संविधान पर मड़राते खतरे पर चली लम्बी बहंस

Posted on: Sun, 27, May 2018 6:57 PM (IST)
संविधान पर मड़राते खतरे पर चली लम्बी बहंस

दरभंगाः (राजेश कुमार साहु) ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवाँ, इंसाफ मंच, अवामी उर्दू नफाज़ कमेटी की ओर से पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत दरभंगा के डॉन बॉस्को स्कूल के कॉन्फ्रेंस हॉल में ‘‘संविधान पर मंडरात खतरे’’ पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्र सेवा दल के ऑल इंडिया महासचिव शाहिद कमाल ने की। मुख्य अतिथि के रूप में डा0 अजित कुमार चौधरी, विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी विभाग, दरभंगा मेडिकल कॉलेज, दरभंगा, पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज के महासिचव प्रवीण कुमार, जन शक्ति संगठन, अररिया की तनमय, राष्ट्रीय एकता सेवा संघ के अध्यक्ष सैफुद्दीन टीपु, जन संस्कृती मंच के प्रो. सुरेन्द्र कुमार सुमन, जेएनयू के पूर्व छात्र मो. इमतेयाज शामिल हुए। मंच संचालन ओसामा हसन ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप जलाकर किया गया।

कार्यक्रम की शुरूआत स्कूल के छात्रों ने संविधान पर मंडराते खतरे पर स्पीच देकर की गई। परिचर्चा में डा0 अजीत कुमार चौधरी ने अपना विचार रखते हुए कहा कि पिछले चार सालों में देश ने एक नई तरह की सरकार देखी है, देशवासियों ने एक प्रधानमंत्री के रूप में अधिनायकवाद की प्रथा देखी है, जहाँ सिर्फ अपनी मर्जी के फैसले चलते हैं। भारतीय संविधान के मौलिक ढ़ाँचे को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। संविधान की प्रस्तावना की मूल सिद्धांतों को नकारने के साथ-साथ बदलने की कवायद चल रही है। वहीं पटना से आए प्रवीण कुमार ने भी अपनी बातें रखते हुए कहा कि भाजपा सरकार को बेरोजगारी दूर करने का वादा, विदेशों से काला धन देश वापस लाने का वादा, किसानों के फसलों की न्यूनतम दर दिलवाने और फसलों का बीमा करवाने का वादा, डीजल, पेट्रोल के दाम कम करने का वादा आवश्यक वस्तुओं के दाम कम करने का वादा, महिला उत्पीड़न के खिलाफ सशक्त कानून बनाने का वादा, एल0पी0जी0 सिलिंडर के दाम कम करने का वादा तथा 15-15 लाख हर देशवासियों के खाते में रखने का वादा, ये सभी वादे खोखले, झूठे एवं मक्कारी से भरे जुमले साबित ही हुए हैं।

वहीं सैफुद्दीन टीपु ने अपने भाषण में कहा कि सरकारी शिक्षा एवं स्वास्थ की बजट कटौती करके निजी शिक्षण व स्वास्थ संस्थानों को बढ़ावा दिया गया। समाज के हर वर्ग का उत्पीड़न हुआ व उन पर अत्याचार हुआ। महिलाओं, दलितों, मुसलमानों एवं समाज के वंचित वर्गों पर हमले तेज हो गए। भाजपा के सांसदों, मंत्रियों एवं विधायकों ने अपनी वाणी एवं कर्मों से आग में घी डालने का काम किया। लोगों के खाने-पीने, रहने-सहने और उनके तौर तरीकों पर छींटाकशी की गई। भीड़ तंत्र ने गौरक्षा के नाम पर कितने मासूमों की जान ले ली, और हम यह सब तमाशा होता हुआ देखते रहे। समाज में नफरत व आपसी भेदभाव को बढ़ावा मिलता रहा।

प्रो0 सुरेन्द्र कुमार सुमन, शंकर प्रलामी, नेयाज अहमद (इंसाफ मंच) आदि ने अपने भाषण में कहा कि रामनवमी के अवसर पर धार्मिक उत्सवों में भी हथियारों का ऐसा प्रदर्शन पहली बार देखने को मिला। नफरतों से भरे नारे चैक-चैराहों पर आये दिन सुनने को मिलते रहते हैं। कट्टर सोच को हर समुदाय में बढ़ावा मिला, मानो आपस में कम्पटीशन हो रहा हो। तो आईये चार सालों में बने इस नफरतों के माहौल के खिलाफ एकजुट हों एवं प्रतिकार करें, उन सब यातनाओं का जो हमने झेली हैं। गाँधी के इस देश में गाँधी के कातिलों की सोच के खिलाफ हम सब भारत के लोग भारत के संविधान की रक्षा करें। ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवाँ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नजरे आलम ने धन्याद ज्ञापन करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम से मुझे काम करने के लिए नई उर्जा मिली है कि आगे भी इस प्रकार के कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा और नई रणनिती बनाकर 2019 के चुनाव के लिए सामप्रदायिक शक्तियों से निपटा जाएगा।




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