केन्द्र ने 600 जवानों को दार्जिलिंग भेजा, स्थिति तनावपूर्ण
दार्जिलिंगः (पवन शुक्ला) अलग राज्य की मांग को लेकर दार्जिलिंग के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। स्थानीय प्रयासन से भारी संख्या में फोर्स तैनात किया है। यहा जारी हिंसा के मद्देनजर केंद्र सरकार ने स्थिति सामान्य बनाने के लिए अर्द्धसैनिक बलों के 600 जवानों को भेज दिया है। यहां जीजेएम की तरफ से अनिश्चितकालीन बंद के दूसरे दिन भी पथराव की घटनाओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य की ममता सरकार से दार्जिलिंग जिले के मौजूदा हालात की पूरी रिपोर्ट भी मांगी है। खबरों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि दार्जिलिंग भेजे गए जवानों में 200 महिला जवान भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही मौजूद करीब 400 जवानों को भी अतिरिक्त बलों के साथ पहाड़ी क्षेत्र में तैनात किया गया है।
इस बीच, इलाके की चाय बागान यूनियनों ने भी मंगलवार से दो दिन की हड़ताल बुलाई है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने इस हड़ताल का समर्थन किया है। पुलिस प्रशासन ने एहतियात के तौर पर इलाके के तमाम सरकारी दफ्तरों के सामने बैरिकेड लगा दिए हैं। मोर्चा के महासचिव रोशन गिरि ने कहा कि पुलिस ने बिना वजह लाठीचार्ज किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हमारे खिलाफ जितना बल प्रयोग करेगी, अलग गोरखालैंड राज्य की मांग में आंदोलन उतना ही तेज होगा।
जीजेएम महासचिव रोशन गिरी ने कहा, पुलिस ने शांतिपूर्ण रैली पर बिना किसी कारण के लाठीचार्ज किया है। जितना अधिक वे हमारे खिलाफ बल का इस्तेमाल करेंगे अलग गोरखालैंड राज्य के लिए संघर्ष उतना तेज होगा। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख बिमल गुरुंग ने कहा कि वह लगातार केंद्र सरकार और उसके मंत्रियों के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि वह बेहद आशान्वित हैं। केंद्र उनके दर्द और संघर्ष को समझेगा और गोरखालैंड के अलग राज्य की हमारी मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा छोटे राज्यों के पक्ष में रही है।