एसईएसी के प्रमाण पत्र के बगैर भट्ठों का संचालन अमान्य
इलाहाबाद 16 नवम्बर , बिना प्रमाण पत्र ईट भट्ठे का संचालन अवैध है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि स्टेट लेबेल एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी (एसईएसी) द्वारा परीक्षणोपरांत जारी बी-2 कैटेगरी प्रमाण पत्र के बाद ही जिलाधिकारी द्वारा ईंट भट्ठों के संचालन की अनुमति दी जाए,एसईएसी के अनुमोदन के रूटीन तरीके से डीएम ईंट-भट्ठों के संचालन की अनुमति जिला स्तर पर न दें।यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने बागपत के सुमित सिंह तथा मेरठ के शशांक चैधरी की जनहित याचिका पर दिया है। जनहित याचिका पर बहस करते हुए अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी का कहना था कि भारत सरकार के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वर्ष 2006 व 2013 में अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी कर ईंट-भट्ठों के संचालन की अनुमति को लेकर एसईएसी द्वारा परीक्षण किये जाने की व्यवस्था की है। ईंट-भट्ठों के संचालन की डीएम से अनुमति के पूर्व एसईएसी का परीक्षण तथा उसके द्वारा लिखित बी-2 सर्टिफिकेट जारी होना आवश्यक है।बिना सार्टिफिकेट के अवैध माना जायेगा।
अधिवक्ता त्रिवेदी का कहना था कि ईंट भटठों के संचालन के लिए जिला स्तरीय प्राधिकरण द्वारा निर्गत अनापत्ति प्रमाण पत्र के अतिरिक्त एसईएसी लखनऊ द्वारा निर्गत बी-2 प्रमाण पत्र प्राप्त करना प्रत्येर्क इंट-भट्ठे के संचालन के लिए अनिवार्य है। हाईकोर्टके मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने याचिका को निस्तारित कर आदेश दिया है कि ईंट – भट्ठों के संचालन की अनुमति जिलाधिकारियों द्वारा दिये जाने से पूर्व राज्यस्तरीय विशेषज्ञ अप्रेजल कमेटी से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी है, इसके बिना ईंट-भट्ठों के संचालन की अनुमति अवैध होगी।