यूके राष्ट्रपति शासन मामले में हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को फटकारा
नैनीताल: (विक्रम सिंह चक्रवर्धन) उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन मामले की मंगलवार को नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। केंद्र ने हाईकोर्ट में दलील दी कि राष्ट्रपति के आदेश में कोर्ट को दखल का अधिकार नहीं है। हाईकोर्ट ने केंद्र की खिंचाई करते हुए कहा कि हर फैसले की समीक्षा हो सकती है। ऐसा कुछ भी नहीं है जो न्यायिक समीक्षा के दायरे में न हो। राष्ट्रपति का आदेश कोई राजाज्ञा नहीं, राष्ट्रपति भी तलब हो सकते हैं।
हाईकोर्ट ने सवाल किया कि क्या आर्थिक भ्रष्टाचार प्रदेश में राष्ट्रपति शासन का आधार बन सकता है? संयुक्त खंडपीठ ने मंगलवार को केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से ये सवाल पूछा। खंडपीठ ने कहा ऐसा होने लगा तो देश में बहुत कम सरकारें पांच साल तक चल पाएंगी। इस मामले में बुधवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।
गौर हो कि निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले में केंद्र सरकार को भी पक्ष बनाया गया है। हरीश रावत कोर्ट के निर्देश पर अपना जवाब पहले ही दाखिल कर चुके हैं। दो जजो की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई थी। केंद्र सरकार को भी इस मामले में जवाब देना है।