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Uttar pradesh

कर्ज में डूबे युवक ने होटल में किया सुसाइड

Posted on: Tue, 11, Oct 2022 9:30 AM (IST)
कर्ज में डूबे युवक ने होटल में किया सुसाइड

गोरखपुरः रविवार को कर्ज में डूबे एक युवक ने कैलाश होटल के कमरे में सुसाइड कर लिया। उसका शव होटल के कमरे में लटकता मिला। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने होटल के कमरे से दो पेज का सुसाइड नोट भी बरामद किया है। जिसमें उसने लोन और कर्ज से परेशान होकर सुसाइड करने की बात लिखी थी। घटना गोरखनाथ इलाके के धर्मशाला बाजार की है।

प्रयागराज के नैनी क्षेत्र के लेबर कॉलोनी निवासी उमानंद मिश्रा का बेटा आशीष (38) एक हर्बल कंपनी में एसीएम के पद पर तैनात था। वह 8 सितंबर से ही धर्मशाला बाजार स्थित होटल कैलाश इन के कमरा नंबर 381 में ठहरा हुआ था। आशीष बीते तीन सालों से हर्बल कंपनी में काम करता था। वह गोरखपुर एरिया देखता था। परिजनों ने बताया कि बेटा आशीष बैंक से 12 लाख रुपए का लोन लिया था। दो साल से वह लोन का किस्त चुका रहा था। हालांकि कुछ दिनों से आशीष का काम अच्छा नहीं चल रहा था। बैंक ने आशीष को लेकर नोटिस जारी कर दी थी।

इसको लेकर पूरा परिवार परेशान था। पूरे परिवार में आशीष ही नौकरी करता था। छोटा भाई अभी पढ़ाई करता है। मृतक आशीष के परिवार में पिता और छोटा भाई आदित्य, पत्नी, और उसका 6 साल का बेटा है। रविवार को पूरे दिन आशीष कमरे पर ही था। पूरे दिन सर्विस कॉल नहीं आने पर होटल के कर्मचारियों को शक हुआ। वह शाम को कमरे के सामने पहुंच कर गेट खुलवाने की कोशिश करने लगे। गेट नहीं खुलने पर उन्होंने गोरखनाथ पुलिस को सूचना दी। धर्मशाला चौकी की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस की मौजूदगी में कमरे का दरवाजा खोला गया तो आशीष गमछा के सहारे पंखा से फंदा लगाकर लटका हुआ था।

वायरल सुसाइड नोट

“पिता जी...मुझे माफ कर दीजिएगा। मैंने आपको बहुत तकलीफ दी है। मेरी वजह से आप खुश नहीं रह पाते। मैं आपका अच्छा बेटा नहीं बन पाया। आप सब लोगों को मेरी वजह से बहुत तकलीफ उठानी पड़ रही है। मैंने सबकी लाइफ बर्बाद कर दी।“ “मैं न अच्छा बेटा बन पाया और न अच्छा पति और न अच्छा पिता। मैं बहुत शर्मिंदा हूं। अपने उपर मैंने ओम की जिंदगी खराब कर दी। मैं क्या मुंह दिखाऊं उसको। लाडली मैंने सब अच्छा करने की कोशिश की, लेकिन नहीं कर पा रहा। मुझे माफ कर देना, मैंने तुम्हारी लाइफ खराब कर दी।“

“मैं सब अच्छा करने की कोशिश में सब खराब कर दिया। अपने साथ पूरी फैमली को भी बरबाद कर दिया। क्या मुंह दिखाउं सबको। मैं हमेशा सबके साथ खड़ा रहा, सब बुरे वक्त पे, लेकिन आज मेरे साथ कोई नहीं है, जो मेरा साथ दे। सबने बस अपना मतलब निकाला और मैं पागलों की तरह सब पे आंख बंद करके भरोसा करता रहा। कोई किसी का नहीं है, सब अपने मतलब के हैं। बस घर वाले ही समय पर साथ देते हैं।“ “मुझे नहीं पता मेरे जाने के बाद मेरी फैमली का क्या होगा। लेकिन सब लोग मुझे माफ कर दें। मैं बहुत मजबूर और अकेला हो गया हूं। लोन वालों ने इतना परेशान कर दिया है, मुझे और मेरे घर वालों को, अब मैं सह नहीं पाउंगा। अब तो यह लोग मेरे घर वालों को चैन से जीने देंगे।“ सॉरी पापा जी... आई लव यू




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