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10 मई 2024
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Uttar pradesh

बस्ती : जल जीवन मिशन योजना में मची लूट

Posted on: Mon, 18, Mar 2024 5:56 PM (IST)
बस्ती : जल जीवन मिशन योजना में मची लूट

बनकटी, बस्ती (बीपी लहरी) ग्रामीण इलाकों में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के नाम पर युद्ध स्तर पर संचालित कल्याणकारी जल जीवन मिशन योजना में सरकार पानी की तरह धन खर्च कर रही है। लेकिन इस योजना में ठेके पर ठेका देने की पहले से कायम परम्परा ने मिशन के कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर दिया है।

पता चल रहा है कि इस कल्याणकारी योजना के कुशल क्रियान्वयन हेतु मेघा इंजीनियरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर कम्पनी को ठेका दिया गया है जिसमें जल जीवन मिशन योजना में आवश्यक समाग्रियां का उत्पादन और आपूर्ति स्वयं कंपनी कर रही है। जबकि पम्प हाउसों, पानी की टंकियों आदि निर्माण कार्यों समेत पाइप बिछाने व डोर टू डोर टोटियां लगाने के लिए रेवड़ियों की तरह जनप्रतिनिधियों के गुर्गों का ठेके बांटे गये हैं। वे बेखौफ होकर निर्माण कार्यों में निर्धारित मानकों की ऐसी तैसी कर रहे हैं। इसमें कम्पनी के शीर्ष अधिकारियों व अभियन्ता़ओं की प्रबल सांठ-गांठ से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

मजे की बात तो यह है कि कम्पनी द्वारा प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से कराये जा रहे मिशन के कार्यों में दूर दूर तक जल निगम विभाग का कोई नियंत्रण नहीं देखा जा रहा है। जिससे जल जीवन मिशन योजना में कदम कदम पर भ्रष्टाचार अराजकता व अनियमितता का बोलबाला देखा व सुना जा रहा है। जब कि मेघा कम्पनी द्वारा कराए जा रहे कार्यों के गुणवत्ता की जांच व प्रवेक्षण हेतु जलनिगम का हस्तक्षेप अति आवश्यक है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण व भ्रष्ट व्यवस्था के साथ अराजकता का सूचक है। इस सवाल पर जनप्रतिनिधियों व पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने भी खामोशी धारण कर लिया है।

आरोप है कि कम्पनी की जांच में सिर्फ दिखावा कर महज औपचारिकता पूरी की जा रही है। सूत्रों की मानें तो मेघा के अधिकारियों व अभियन्ता़ओं द्वारा जिन कथित ठेकेदारों को रेवड़ियों की तरह कार्य कराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है उनसे एक मोटी रकम भी वसूल की गई है। यही कारण है कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की उम्मीद करना सम्भव नहीं है। जानकारी के अनुसार सदर ब्लाक के ग्राम पंचायत करियापार राउत के पम्प हाउस की बाउंड्री निर्माण के बाद से फट रही है। परसा टूड़ी और ग्राम पंचायत रेवली व बनकटी ब्लाक के ग्राम पंचायत थाल्हापार, भिटहा, रौतापार, दुबौली खुर्द कुदरहा ब्लाक के मन्झरिया समेत लगभग अधिकांश पम्प हाउसों के निर्माण में निर्धारित मानकों की धज्जियां उड़ाकर व्यवस्था का मज़ाक़ उड़ाया जा रहा है।

बनकटी के ग्राम पंचायत धौरूखोर में दस वर्ष पूर्व निर्माण कराये गये पानी की टंकी अनियमितता के चलते आज भी शुरू नहीं है। इसके अलावा हर्रैया, साऊंघाट, रूधौली, बहादुर पुर, गौर, विक्रमजोत समेत अन्य ब्लाकों में मेघा के कार्यों की गुणवत्ता सन्तोष जनक नहीं बताई जा रही है। जिसकी चर्चा अगले अंक में होगी। आरोपों के सम्बन्ध में मेघा कम्पनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अश्वनी त्रिपाठी ने कहा कि सम्पूर्ण आरोपों की जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। अब सवाल उठता है कि यदि निर्माण कार्य प्रगति पर होने पर गुणवत्ता की जांच, नहीं होगी तो भुगतान लेकर उनके गायब होने के बाद मामले के गुनहगारों के विरुद्ध कैसे कार्यवाही होगी ?.यह एक यक्ष प्रश्न है।




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