प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को जान से मारने वाले आरोपी को देवरिया जिला प्रशासन ने जमानत पर छोड़ दिया
मीडिया दस्तक न्यूज, देवरिया। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी देने वाले आरोपी को जिला प्रशासन देवरिया ने मंगलवार को बड़ी आसानी से जमानत पर रिहा कर दिया। जिसको लेकर प्रशासनिक हलके में तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है। इस संबंध में पूछे जाने पर जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने मंगलवार को आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए।
उन्होने कहा यदि ऐसा हुआ है तो वे पता करते हैं। जबकि नवागत सदर एसडीएम योगेश ने इस संबंध में पुछने पर बताया कि थाना कोतवाली से जो चालान आया था उसमें इस बात का जिक्र नहीं था आरोपी ने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी देने जैसे खतरनाक अपराधिक कृत्य को अंजाम दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि यदि थोड़ी सी भी इस बात की जानकारी उनको किसी भी पुलिसकर्मी द्वारा दे दी गई होती तो आरोपी व्यक्ति की जमानत स्वीकार नहीं करते।
जबकि दूसरी तरफ इस मामले में थाना कोतवाली प्रभारी डीके मिश्रा ने कहा कि उन्होंने चलानी रिपोर्ट में सम्पूर्ण घटनाक्रम का स्पष्ट उल्लेख किया था और धारा 107, 116, 151 दंड प्रक्रिया संहिता में चालान किया था। जबकि हमेशा की तरह पुलिस अधीक्षक देवरिया संकल्प शर्मा से बात करने का प्रयास किया गया तो उनके पीआरओ ने फोन उठाया और कहा कि साहब मीटिंग में हैं। आप कोतवाल साहब से बात कर लीजिए। बता दें रविवार को गोरखपुर जनपद के हरपुर बुदहट के रहने वाले संजय उम्र करीब 45 वर्ष पुत्र रघुपति ने 112 नंबर पर टेलीफोन कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जान से मारने की धमकी दिया था।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को उसके मोबाइल नंबर को ट्रेस कर गोरखपुर जनपद के हरपुर बुदहट से गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस सूत्र बताते हैं कि आरोपी व्यक्ति ने 112 नंबर को यह झूठी जानकारी दी थी कि वह देवरिया जिले के कोतवाली थाना अंतर्गत भुजौली कॉलोनी का रहने वाला है तथा उसका नाम अरुण है। जबकि सच्चाई यह था कि आरोपी व्यक्ति ने गोरखपुर से ही 112 नंबर को फोन किया था। पुलिस सूत्रों का यह भी कहना है कि धमकी देने के बाद आरोपी ने अपने मोबाइल को स्विच ऑफ कर लिया था।
पुलिस को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ा था। यह संयोग ही था कि आरोपी ने बाद में अपना मोबाइल ऑन कर लिया और पुलिस की गिरफ्त में आ गया। बताते हैं कि आरोपी से एसटीएफ ने भी सोमवार की रात में पूछताछ की थी। लेकिन किसी को इस बात की कत्तई उम्मीद नहीं थी कि इस अत्यन्त ही संवेदनशील मामले में आरोपी की इतनी सरलता से जमानत पर जिला प्रशासन देवरिया रिहा कर देगा। यह अलग तथ्य है कि आरोपी ने पुलिस के अनुसार शराब पी रखी थी और शराब के नशे में उसने यह खतरनाक आतंकित करने वाला घातक कदम उठाया था।
क्या शराब के नशे में कोई भी व्यक्ति कुछ भी बोलने या करने के लिए स्वतंत्र है ? यह एक अहम प्रश्न है जिस पर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। साथ ही लोगों की यह भी टिप्पणी है कि कम से कम उस शराबी व्यक्ति को कुछ दिनों के लिए जेल में जरूर रखा जाना चाहिए था। ताकि वह भविष्य में दोबारा ऐसा कृत्य ना कर सके। इस बाबत देवरिया लोकसभा के सांसद रमापति राम त्रिपाठी ने कहा कि इस मुद्दे पर अभी वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। क्योंकि उनका कुछ भी कहना पूरे राष्ट्र में फैल जाएगा। वह पता करके ही कुछ कहना चाहेंगे।