फरवरी के अंत में शुरु किया जायेगा भरुच शहर में आठ साल से अटकी पड़ी भूगर्भ गटर योजना का परीक्षण
भरुच, गुजरातः (बीके पाण्डेय) भरुच शहर में पिछले आठ साल से अधर में लटकी भूगर्भ गटर योजना का परीक्षण फरवरी माह के अंत में किया जायेगा। नर्मदा नदी को दूषित होने से रोकने के लिए घरेलू गंदे पानी का शुध्दिकरण सुऐज ट्रीटमेंट प्लांट में किया जायेगा। योजना को लेकर विधायक व कलेक्टर ने समीक्षा की। आने वाले दिनों में नागरिकों को उफन रही गटरों की समस्या से पूरी तरह से मुक्ति मिल जायेगी।
जनवरी माह से गटरलाईन के कनेक्शन को करने का काम तेज कर दिया जायेगा। भरुच शहर में से घरेलू उपयोग के बाद निकलने वाले पानी को वैज्ञानिक ढंग से निकास करने के लिए व पिछले आठ साल से जिसका काम चल रहा है उस भूगर्भ गटर योजना का परीक्षण फरवरी माह के अंत में किया जायेगा। तीन माह तक चलने वाले परीक्षण के समय नगरपालिका की पाईपलाईन में घरेलू कनेक्शन को जोडऩे सहित शेष काम को किया जायेगा।
शहर के विविध इलाके से घरेलू उपयोग के बाद निकलने वाला गंदा पानी गटरों के जरिए सीधे नर्मदा नदी में जाकर मिल जाता था। नर्मदा नदी शुध्द रहे तथा गटर के पानी का वैज्ञानिक ढंग से प्रोसेस कर उसे फिर से उपयोग मे लाया जा सके इस आशय के साथ आठ साल पहले भूगर्भ गटर योजना की बुनियाद रखी गई थी। आठ साल के बाद भी यह योजना पूरी नही हो सकी थी।
भूगर्भ गटर योजना के काम की समीक्षा करने के लिए भरुच के विधायक रमेश मिस्त्री की अध्यक्षता में जिला कलेक्टर तुषार सुमेरा तथा अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में बैठक की गई। बैठक में भूगर्भ गटर योजना को जल्द से जल्द लागू करने की बात पर जोर दिया गया। भरुच में फरवरी माह के अंत तक भूगर्भ गटर योजना का ट्रायल शुरु कर देने का आश्वासन जीयूडीसी के प्रोजेक्ट मैनेजर आर.डी.पटेल ने कलेक्टर व विधायक को दिया। तीन माह का ट्रायल लिया जायेगा व इस दौरान नगरपालिका की पाईपलाईन में कनेक्शन देने सहित अन्य काम को पूरा किया जायेगा।