C.A.A. कानून लागू, जानिये किसे होगा फायदा
नेशनल डेस्कः केंद्र सरकार ने सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके साथ ही यह कानून देशभर में लागू हो गया है। इस एक्ट को हिंदी में नागरिकता संशोधन कानून कहा जाता है। सीएए लागू होने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है। बताया जा रहा है लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका फायदा मिल सकता है। भाजपा इस कानून के जरिये हिन्दू मतों को साधना चाहती है। खास तौर से इसका असर पश्चिम बंगाल में होगा। भारतीय नागरिकों से इस कानून का कोई सरोकार नहीं है। यह कानून किसी की नागरिकता नहीं छीन सकता।
जानिये क्या है सीएए
2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 पेश किया गया था। इसमें 1955 के कानून में कुछ बदलाव किया जाना था। ये बदलाव थे, भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देना। दिसंबर 2019 में राज्यसभा और लोकसभा से इससे जुड़ा बिल पास हुआ था।
भाजपा को फायदा होगाः
सीएए 2019 से पहले भाजपा के प्रमुख चुनावी वादों में से एक था। आगामी लोकसभा चुनाव में (खासकर पश्चिम बंगाल में) भाजपा को इससे फायदा मिल सकता है। भाजपा इस कानून के जरिए पश्चिम बंगाल में मतुआ समुदाय के हिंदू वोटों को साधना चाहती है।
किसे मिलेगी नागरिकता
31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।
ऑनलाइन करना होगा आवेदन
इस कानून के तहत नागरिकता प्राप्त करने के लिये आवेदन ऑनलाइन करना होगा। आवेदक को बताना होगा कि वे भारत कब आए। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि 5 साल से अधिक रखी गई है। बाकी विदेशियों (मुस्लिम) के लिए यह अवधि 11 साल से अधिक है।
गृह मंत्री अमित शाह दो महीने में दो बार कह चुके थे कि सीएए लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा। यह देश का कानून है। इसे कोई रोक नहीं सकता। संसद ने इस कानून पर 11 दिसंबर 2019 को मुहर लगाई थी। हालांकि, सरकार इस कानून को लागू करने के लिए नियम-कायदे बनाने की समय सीमा 8 बार बढ़ा चुकी है। आखिरकार 50 महीने बाद लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू किया गया।