गरीबी लड़ती रही ठंडी हवाओं से, अमीरों ने कहा वाँह क्या मौसम आया है...
गरीबी लड़ती रही ठंडी हवाओं से, अमीरों ने कहा वाँह क्या मौसम आया है...
भरूच, गुजरातः (बीके पाण्डेय) भीषण ठंड गरीबों और असहायों पर किसी आफत से कम नही है। गरीब परिवारों के पास खुद को ठंड से ठंड से बचाने के जरूरी साधन नही हैं, दूसरी ओर काम न करने पर दो वक्त की रोटी का संकट अलग से खड़़ा हो जाता है। भरुच शहर में जाडेश्वर रोड पर लकड़ी की टोकरी बेचने के लिए फुटपाथ पर एक गरीब परिवार शुक्रवार की रात को ठंड से ठिठुरता रहा। टोकरी बेचकर जीवन निर्वाह करने वाले परिवार के सभी सदस्य सामान बेंचते बेंचते जाने कब सो गये यह पता ही नही चल सका। किसी शायर की यह शायरी यहा पर सटीक बैठ रही है कि गरीबी लड़ती रही ठंडी हवाओं से, अमीरों ने कहा वाँह क्या मौसम आया है.।