मोदी के गढ़ में हार गई भाजपा
वाराणसीः अविश्वास प्रस्ताव लाकर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कबजा करने का भाजपा का सपना चकनाचूर हो गया। सदस्यों ने एकजुटता दिखाई और कुर्सी पर दोबारा कब्जा कर लिया। यहां अपने ही बुने जाल में भाजपा फंस गयी और सपा अपनी सीट बचाने में कामयाब रही।
पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा किया था। यूपी में भाजपा सरकार बनते ही पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा करने के अविश्वास प्रस्ताव लाया था। माना जा रहा था कि भाजपा सत्ता पक्ष की ताकत का उपयोग करके इस सीट को अपने कब्जे में ले लगी। 28 जुलाई को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना था। जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर वह सपा से जुड़े अन्य जिला पंचायत सदस्य मौकै पर पहुंच गये थे, लेकिन भाजपा की तरफ से कोई सदस्य नहीं पहुंचा। इसके बाद जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा ने अपराजिता सोनकर को जिला पंचायत अध्यक्ष मानते हुए अपना निर्णय सुना दिया। बाहुबली भाजपा विधायक अपनी ताकत नहीं दिखा पाये। विधायक ने ही इस सीट पर कब्जा जमाने के लिए सारा खेल किया था, लेकिन वह इस सीट पर कब्जा करने में असफल रहे। खास बात है कि मतदान के समय बाहुबली भाजपा विधायक का कोई समर्थक नहीं पहुंचा। इसके बाद सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर एक बार फिर से कब्जा कर लिया।