सैलून संचालक की गोली मारकर हत्या, सड़क जाम
गाजीपुर व्यूरो (विकास राय) करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में गुरुवार की रात सैलून संचालक संजय प्रजापति (बेचू) की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। इस हत्या के बाद शुक्रवार के दिन बाजार के दुकानदारों ने शोक में अपनी दुकानें बंद कर दी और स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से सुबह साढे आठ बजे से मुहम्मदाबाद चितबडागांव रोड को करीमुद्दीनपुर गांव के पास जाम कर दिया। ग्रामीण मौके पर जिलाधिकारी सहित पुलिस अधीक्षक को बुलाने पर अड़े रहे। दुकानदारों और ग्रामीणों का कहना था की निर्दोष सैलून संचालक की हत्या हुई है उसके परिवार को सहायता हेतु मदद की जरूरत है और हत्यारों को तुरंत गिरफ्तार किया जाय।
मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष करीमुद्दीनपुर अशेष नाथ सिंह ने ग्रामीणों को समझाने का भरपूर प्रयास किया लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हुए और ग्रामीण मौके पर उच्चाधिकारियों को बुलाने पर अडे रहे। 11.30 बजे उप जिलाधिकारी कासिमाबाद मंशा राम वर्मा और पुलिस अधीक्षक ग्रामीण चन्द्र प्रकाश शुक्ला, क्षेत्राधिकारी मु.बाद चन्द्र पाल शर्मा मौके पर पहुंच कर परिवार को दुर्घटना बीमा के तहत पाँच लाख का मुआवजा शासन से दिलवाने व हमलावर की एक हप्ते के अंदर गिरफ्तारी का आश्वासन दिये।
तब जाकर सडक पर से जाम समाप्त किया गया। पिता रामऔतार प्रजापति ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ करीमुद्दीनपुर थाने मे तहरीर दिया है। तीन घंटे तक चले जाम से दोनो तरफ वाहनो की लम्बी कतार लग गयीं थी। ज्ञात हो की गुरुवार की शाम लगभग साढे सात बजे करीमुद्दीनपुर बाजार मे सैलून संचालक संजय प्रजापति उर्फ बेचु उम्र 32 वर्ष को अज्ञात हमलावर ने उसके दुकान पर ही गोली मारकर हत्या कर दी थी। सूचना पर पहुंची पुलिस उसे मुहम्मदाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले गई जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस के लिए चली गई लेकिन सुबह होते ही गांव वाले मुहम्दाबाद चितबडागांव सडक को जाम कर दिये। मृतक के चार भाईयो मे बिजय शंकर, संजय, संतोष और संजीत है। मृतक संजय दुसरे नम्बर का था।
दो भाई बाहर प्राईवेट नौकरी करते है और दो भाई घर रह कर सैलुन चलाते है। जिस समय गोली चली उस समय दूसरे नम्बर का भाई संजय दुकान पर मौजूद था और कुछ समय पहले ही छोटा भाई संजीत घर चला गया था। अपने पुत्र के शोक मे पिता रामऔतार दहाडे मारकर गिर जा रहे थे। इसकी माँ चन्द्रावती देवी की मृत्यु पहले ही हो चुकी है। वहीं उसकी पत्नी किरन का रो रो कर बुरा हाल था। उसके तीन अबोध बच्चो मे लडका यश 6 साल लडकी ईशा 4 साल और निशा 2 साल को देख कर लोगों की आखे छलछला जा रही थी। वे तोनो बच्चे अपने पिता की मौत से बेखबर थे। अपनी माँ को रोते देख उसके तरफ बेखबर होकर निहार रहे थे। मृतक के शोक मे करीमुद्दीनपुर की बाजार पूरी तरह बंद रही।