थाना नहीं संभल रहा, अब पत्रकारिता सिखायेंगी महिला एसएचओ
देवरिया, ब्यूरो (ओपी श्रीवास्तव)। जिले की महिला थाना प्रभारी अब पत्रकारिता का प्रशिक्षण देंगी। यह बात उन्होने एक वरिष्ठ पत्रकार से खुद कही है। जबकि हकीकत ये है कि महिला थाना आजकल लोगों की कानूनी मदद करने के बजाय शोषण व डरा धमकाकर कर वसूली करने का अड्डा बन गया है। आलम ये है कि यहां कार्यरत महिला काउन्सलर एवं एसएचओ की सांठगांठ से कोई अन्य पुलिस कर्मी इनके खिलाफ आवाज नहीं उठाते है। सूत्रों का कहना है कि जब रिश्वत नहीं मिलता है तो फर्जी एवं झूठे मुकदमे दर्ज कर लोगों को जेल भेजने की धमकी दी जाती है।
महिला थाना में कार्यरत अन्य पुलिस कर्मियों ने अपना नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि थाना प्रभारी तथा महिला काउन्सलर की मनमानी तथा दबंगई से ईमानदार पुलिस अधीक्षक का नाम बदनाम हो रहा है। थाना प्रभारी इस कदर बेअंदाज हो गई है कि यदि किसी मामले में किसी मीडियाकर्मी ने एसएचओ से उनका पक्ष जानने की कोशिश की तो एसएचओ ने अपना पक्ष देने की बजाय मीडियाकर्मी को डराना, धमकाना शुरू कर दिया। कहा पुलिस अधीक्षक से शिकायत करूंगी, वही बतायेंगे पत्रकारिता कैसे की जाती है।
बतौर उदाहरण राहुल कुमार शाह नाम के एक शख्स ने महिला थाना की कार्यप्रणाली पर आरोप लगाते हुए शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक को एक लिखित शिकायती प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है। शिकायती पत्र में कहा गया है कि राहुल कुमार बिहार के सिवान जिले का रहने वाला है तथा झारखंड में कोल माइंस में नौकरी करता है। उसका कहना है कि देवरिया जिले के बघौच घाट थाना अंतर्गत एक युवती से उसकी शादी की वार्ता कुछ महीने से चल रही थी। लेकिन बाद में किन्हीं कारणों से विवाद हो गया तथा शादी विफल हो गई और मामला न्यायालय में पहुंच गया। इस दरमियान युवती के सौतेले मां बाप द्वारा महिला थाने में झूठी शिकायत की गई।
जिसके अनुक्रम में महिला थाने में कार्यरत सुमन पांडे नाम की महिला काउंसलर ने बीते 2 अप्रैल को राहुल को बुलाकर करीब 3 घंटे तक थाने में अवैध तरीके से निरूद्ध रखा तथा उससे तीस हजार रुपए रिश्वत की मांग की और रिश्वत नहीं देने पर उसको बलात्कार के झूठे मामले में 40 साल तक सजा कराने की धमकी दी। बकौल राहुल उक्त महिला काउंसलर ने जबरन दो लोगों के साथ राहुल को देवरिया मेडिकल कॉलेज भेज कर डीएनए टेस्ट करने के नाम पर जबरन उसका ब्लड निकलवा कर रखवा लिया। राहुल का आरोप है कि उसने थाना प्रभारी से प्रकरण की शिकायत की। लेकिन थाना प्रभारी ने उसकी कोई मदद नहीं की। इस मामले में जब थाना प्रभारी से समाचार प्रकाशित करने के उद्देश्य से उनका पक्ष जानने का प्रयास संवाददाता ने किया तो उन्होंने कहा कि ज्यादा पत्रकारिता हो रही है। वह पुलिस अधीक्षक से मिलकर शिकायत करेगी और कैसे पत्रकारिता की जाती है वह सिखाएंगी।