• Subscribe Us

logo
10 मई 2024
10 मई 2024

विज्ञापन
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।
Uttar pradesh

स्वास्थ्य और तनावपूर्ण जीवन का कारण प्रदूषण

Posted on: Wed, 28, Aug 2019 3:28 PM (IST)
स्वास्थ्य और तनावपूर्ण जीवन का कारण प्रदूषण

गाजीपुरः (विकास राय) जनपद के करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के जनता जनार्दन इण्टर कालेज गांधीनगर के पूर्व प्रधानाचार्य नर्वदेश्वर राय प्रवक्ता जीव विज्ञान ने बढते हुए प्रदूषण पर बताया की बढ़ती बीमारियों तथा गिरते स्वास्थ्य और तनावपूर्ण जीवन के बारे में अगर सोचेंगे तो सबसे बड़ा कारण प्रदूषण ही मिलेगा। नर्वदेश्वर राय ने कहा की वायुमंडल में लगभग 22 प्रतिशत ऑक्सीजन होनी चाहिये तथा कार्बन डाइऑक्साइड का प्रतिशत मात्रा 0.03 होना चाहिए। यदि इसमे असंतुलन है तो यह वायु प्रदूषण है। लोगो का ये मानना है कि ऑक्सिजन अब 20 प्रतिशत के ही आसपास है।

इसमे सबसे खतरनाक कार्बन डाइऑक्साइड तथा कार्बन मोनोऑक्साइड है। इनका परिणाम सीधे मृत्यु है। हरे पेड़ पौधे वायुमंडल की कार्बन डाइऑक्साइड को जल के साथ सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा ले कर अपना भोजन बनाते है और सभी जीवों के श्वसन हेतु प्राण वायु ऑक्सीजन छोड़ते हैं। साथ ही साथ यह भी ध्यान रहे कि हमारे इस ब्रह्मांड का ऊर्जा स्रोत एक मात्र सूर्य ही है और इसकी ऊर्जा को सीधे हरे पौधे ही अपने अंदर संचित करते है जिससे हमारी खाद्य श्रृंखला चलती है। याद रहे जो ऑक्सीजन पौधे छोड़ते है वह जल के विघटन अर्थात जल की होती है।

अतः जल अति आवश्यक फैक्टर है। इसे बचाये। आपने कहा की 16 प्रतिशत ऑक्सिजन स्तर तक हम बेहोशी की या सुप्त अवस्था तक जी सकते है। इसलिए प्रकृति को पूज्य मान कर उसकी रक्षा करे तथा इसे ही वेदों के अनुसार ईश्वर माने और जितना अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगा सके उसे लगाए। देखिए प्रकृति में जन्म और पालन पोषण ने बालक लव और कुश को ऐसा बना दिया कि राम की सेना को परास्त होना पड़ा। हम अपनी अगली पीढ़ी के लिए इस वायुमंडल में 22 प्रतिशत प्राण वायु तथा पृथ्वी में अधिकतम जल रिचार्ज कर इसकी हर सतहों को जल से परिपूर्ण करे।




ब्रेकिंग न्यूज
UTTAR PRADESH - Basti: महाराणा प्रताप को किया याद, राजपूतों की एकजुटता पर दिया जोर पाक्सो एक्ट न्यायालय ने मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश ससुरालियों पर मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश GUJRAT - Bharuch: तीन किशोरो ने मिलकर किशोरी के साथ किया बलात्कार