मोहब्बत से बढ़ेगा साम्प्रदायिक सौहार्द
मऊः (सईदुज़्ज़फर) देश में बढ़ती हुई साम्प्रदायिकता से मुक्ति और देश हित में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई के मध्य भाईचारे का माहौल पैदा करने हेतु जमीयत उलमा मऊ के तत्वाधान में देर रात मऊ के अदरी में एक विशाल राष्ट्रीय एकता सम्मेलन का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि जमीयत उलमा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने अपने सम्बोधन में जमीयत उलमा का इतिहास बताते हुए कहा कि जमीयत का इतिहास 150 साल पुराना है और इस जमीयत उलमा का देश को आज़ाद कराने में अहम रोल रहा है। आगे उन्होंने कहा कि देश के आज़ाद होने से पहले हम सभी लोग मिलजुलकर भाई भाई की तरह रहते थे, धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं था, एक दूसरे के काम में सभी लोग सम्मिलित होते थे, लेकिन आज़ादी के बाद लोगों का दिमाग बदला लोगों की सोच बदली और सियासत की रोटी सेंकने के लिए कुछ मुठ्ठी भर लोग लोग लोगों को आपस में लड़ा कर देश में साम्प्रदायिकता का माहौल पैदा कर रहे हैं। इससे कारोबार के साथ साथ जान व माल की भी क्षति पहुंचती है। देश के अधिकतर लोग अमन पसंद हैं और देश में अमन चाहते हैं इसलिए हम सब को मिलकर इन मुठ्ठी भर लोगों के मनसूबे को नाकाम कर देना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जमीयत उलमा मऊ के अध्यक्ष मौलाना खुर्शीद मिफ्ताही ने कहा कि हम सभी एक भगवान की संतान हैं इसलिए आपस में मिलजुल कर रहें। कुरान का पैगाम है कि हम दुनिया में अमन का पैगाम आम करें इसी में हमारे देश की भी भलाई है सभी लोग तभी चैन से रह सकते हैं। मौलाना मुफ्ती अनवर अली ने कहा कि सरकार की पालिसी की वजह से लोगों का भरोसा बैंकों से उठ रहा है कुछ साम्प्रदायिक लोग देश में सेक्युलर खत्म करके राजनीति करना चाहते हैं जो हिन्दुस्तान के लिए काला दिन होगा। पूर्व सांसद सालिम अंसारी ने कहा कि फिरकापरस्त ताकतें हमारे बीच नफरत की दीवार उठाना चाहती हैं।
मऊ नगर पालिका अध्यक्ष तय्यब पालकी ने कहा कि हमें मज़हब और धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है जो देश के लिए खतरनाक है। पूर्व पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल ने कहा कि सारी साजिशें मुसलमानों के खिलाफ़ हो रही हैं जिस से हमें सतर्क रहने की जरूरत है। मौलाना सरफराज़ फैज़ी ने इस्लामी शिक्षा के बारे में बताते हुए कहा कि इस्लाम भाईचारे का संदेश देता है इस्लाम आतंकवाद और नफरत का सख्त मुखालिफ है। प्रोफेसर इंडियन जी राष्ट्रीय एकता के लिए बुनियादी सिद्धांतों पर विस्तार से चर्चा की। राष्ट्रीय एकता सम्मेलन को मौलाना फय्याज़ अहमद, मौलाना अनीसुर्रहमान, बृज बिहारी मिस्त्री, अफज़ाल नेता, मास्टर महेंद्र आदि ने भी संबोधित किया।