राम तत्व चला जायें तो पुत्र, हितैषी सभी यमदूत लगते हैं
बनारसः (विकास राय) बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में संत मोरारी बापू की रामकथा में चहुंओर बधाई गूंज रही है। कथा मंडप में भजन और चैपाइयों के साथ जब बापू ने श्रीराम जन्म की घोषणा की तो हजारों श्रोता भाव विभोर होकर नाचने लगे। ऐसा अनूठा नजारा दिखा, मानों बाबा विश्वनाथ की धरती पर राम ने सच में फिर से जन्म ले लिया हो। संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से मणिकर्णिका घाट के सामने गंगा पार सतुआ बाबा गोशाला परिसर में आयोजित मानस-मसान के पांचवें दिन मोरारी बापू ने कहा कि उज्जैन और बनारस परंपरा में मसान सिद्धपीठ और यजमान हैं।
व्यासपीठ पर बैठकर बोलना चिता पर बैठकर बोलने के समान है। मसान हमारी प्रतीक्षा करता है। यजमान कोई भेद नहीं करता है। मसान ऐसा यजमान है कि एक बार मेहमान आ जाय तो सदा के लिए रख लेता है। मेहमान का भी कर्तव्य होता है कि जो मिले, उसका शुक्रिया अदा करे। बापू ने कहा कि मृत्यु वाले घर में बैठकर उत्तरकांड का पाठ करें। मसान में बैठकर एक बार सुंदरकांड का पाठ कर लिया जाए तो संसार की सभी क्रियाएं पूर्ण हो जाती हैं। जब तक राम हैं तब तक पुत्र पुत्र है। हितैषी, हितैषी और मित्र मित्र है। जब राम तत्व चला जाता है तब पुत्र, मित्र और हितैषी यमदूत लगने लगते हैं।