• Subscribe Us

logo
21 मई 2024
21 मई 2024

विज्ञापन
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।
Uttar pradesh

देवरिया में कक्षा 1 की छात्रा संग 20 साल के युवक ने की दरिंदगी

Posted on: Thu, 15, Jun 2023 9:22 PM (IST)
देवरिया में कक्षा 1 की छात्रा संग 20 साल के युवक ने की दरिंदगी

मीडिया दस्तक न्यूज देवरिया (ओपी श्रीवास्तव)। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में बलात्कार की घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही है। कारण यह है कि बलात्कार के आरोपियों के खिलाफ अभियोजन पक्ष द्वारा प्रभावी त्वरित कार्रवाई नहीं की जा रही है। परिणाम स्वरूप आरोपियों के मन से कानून का खौफ समाप्त हो गया है। अभी उड़ीसा राज्य के काला हांडी निवासी दुर्गा प्रसाद नायक जो एक स्कूल में अध्यापक है के द्वारा कोतवाली थाना अंतर्गत एक सात वर्षीय मासूम के साथ बलात्कार के मामले का निस्तारण ही नहीं हुआ कि ताजा मामला खुखुंदू थाना क्षेत्र का सामने आ गया।

यहां कक्षा एक में पढ़ने वाली एक आठ साल की छात्रा से बीस वर्षीय एक युवक ने दुष्कर्म किया। मामले में पुलिस ने आरोपी टेंट मजदूर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है। थाना खुखुंदू के एसएचओ सन्तोष कुमार सिंह ने गुरुवार को बताया कि पीड़िता की मां की तहरीर पर खुखुंदू थाना क्षेत्र के ग्राम दुलहूं निवासी आरोपी मजदूर राजन वर्मा के ख़लिफ़ रिपोर्ट दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

उन्होंने बताया कि मईल थाना क्षेत्र के एक गांव का एक अनुसूचित जाति का व्यक्ति खुखुंदू क्षेत्र में परिवार के साथ रहता है। मंगलवार दोपहर में कक्षा एक में पढ़ने वाली उसकी पुत्री पड़ोस के बच्चों के साथ खेल रही थी। इसी बीच एक टेंट हाउस में काम करने वाला बीस वर्षीय मजदूर राजन वर्मा के मन में हैवानियत जाग गई और उसने छात्रा को बहला-फुसलाकर टेंट हाउस के अंदर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। एसएचओ ने परिजनों से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि छात्रा के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर मां कमरे से बाहर निकली तो उसकी नजर सीधे आरोपी पर पड़ गई।

पीड़ित की मां ने आरोपी को रंगेहाथ पकड़ लिया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने खुखुंदू थाना क्षेत्र के दुलहूं निवासी आरोपी मजदूर राजन वर्मा के खिलाफ दुष्कर्म, पॉस्को और एससीएसटी एक्ट के तहत बुधवार को रिपोर्ट दर्ज कर लिया गया है और इस संबंध में विधिक कार्रवाई की जा रही है। इस संबंध में दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता प्रमोद कुमार यादव ने कहा कि न्यायालय के द्वारा 60 दिन के भीतर फैसला करने के लिए नियम बनाए गए हैं। लेकिन मुकदमे के बोझ की वजह से फैसलों में कई साल लग जाते हैं। यदि बलात्कार एवं अन्य जघन्य अपराधों में त्वरित फैसले न्यायालय द्वारा कर दिए जाए तो अपराधियों में भय एवं दहशत का माहौल उत्पन्न होगा तथा वे इस तरह के अपराध करने से पूर्व कई बार सोचने पर विवश होंगे।




ब्रेकिंग न्यूज
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।