राजाभैया ने एमएलसी के चुनाव में भी कीर्तिमान बनाया
प्रतापगढ़: जिला पंचायत अध्यक्ष के बाद राजाभैया ने एमएलसी के चुनाव में भी कीर्तिमान बनाया है। वर्ष 2004 के बाद 2016 में उन्हें निर्विरोध एमएलसी बनवाने में सफलता मिली है। खास बात यह है कि राजाभैया के प्रयास से गोपालजी चैथी बार एमएलसी बने हैं।
सूबे की सियासत में कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह राजाभैया का सभी लोहा मानते हैं। उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर अपने समर्थक को ऐतिहासिक मतों से जीत दिलाई थी। विधान परिषद के चुनाव में अपने करीबी सपा प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी को निर्विरोध निर्वाचित कराने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। वर्ष 1997 में निर्दल प्रत्याशी के रूप में उन्होंने पहली बार अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी को एमएलसी चुनाव मैदान में उतारा था। जिसमें उनकी जीत हुई थी। एमएलसी का दूसरा चुनाव वर्ष 2003 में गोपालजी ने जेल में रहते हुए जीत लिया था। लोकसभा चुनाव में वह सांसद बन गए। इसके बाद राजाभैया की दमदारी से एमएलसी चुनाव में आनंद भूषण सिंह बब्बू राजा ने नामांकन किया था। दूसरे दलों के प्रत्याशियों ने भी नामांकन भरा, लेकिन बाद में अपना परचा वापस ले लिया। जिसके चलते बब्बू राजा निर्विरोध एमएलसी बन गए। बसपा शासनकाल में 2010 में हुए एमएलसी के चुनाव में भी राजाभैया ने पूरे प्रदेश में अपना लोहा मनवाया। उस समय में एक भी सीट सपा नहीं जीत सकी थी, लेकिन गोपालजी बसपा शासनकाल में अकेले सपा के एमएलसी चुने गए थे। कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह राजाभैया ने वर्ष 2016 के एमएलसी चुनाव में रणनीति के तहत प्रयास किया। जिसके चलते गोपालजी निर्विरोध एमएलसी बन गए।
विधान परिषद के चुनाव में कांग्रेस, भाजपा , बसपा व अपना दल ने बड़ी खामोशी के साथ सपा को वाक
ओवर दे दिया। कल तक प्रत्याशी उतारने का दंभ भरने वाले पार्टी के नेताओं को ऐसा कोई नहीं मिला जिसे वह चुनाव मैदान में उतार सकें।