बैंगरा गांव में पसरा सन्नाटा, असहज हुयी जिन्दगी
मधुबनी (दीपक कुमार): हलो। मैं दिल्ली से नीलमणि बोल रहा हूं। पापा गांव में पुलिस कब तक रहेगी। मामला शांत हुआ कि नहीं। बैंगरा गांव के परदेशी बाबुओं के द्वारा पिछले एक सप्ताह से बस यही सवाल फोन पर पूछे जा रहे हैं। लेकिन,इसका जवाब उन लोगों को कोई नहीं दे रहा है। वजह यह है कि गांव के लोगों को भी यह नहीं मालूम कि संगीनों के साये में आखिर बैंगरा गांव कब तक रहेगा। और तो और,पुलिस प्रशासन भी यह बताने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में परदेश में रह रहे लोग अब की बार दीपावली और छठ में भी गांव नहीं आना चाहते हैं। गांव के चार नामजद व दो सौ अज्ञात के खिलाफ हुए एफआईआर के बाद लोग गांव आने से कतरा रहे हैं। साथ ही माहौल को लेकर भी सवाल पूछ रहे हैं। दुर्गा पूजा में भी एक भी शहरी बाबू गांव नहीं आए। पिछले दिनों एक शव दफनाए जाने को लेकर हुए विवाद के बाद डीएम-एसपी का लगभग दस घंटे तक किए गए घेराव-प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन ने किसी भी संभावित अनहोनी से निपटने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। बैंगरा गांव पूरी तरह इन दिनों पुलिस छावनी में तब्दील है। यहां पिछले 17 अक्टूबर से बडी संख्या में सीआरपीएफ, रैफ व बिहार पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है। और तो और मुर्दों की बस्ती कब्रिस्तान में भी सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। मामले पर नजर रखने के लिए 14 दंडाधिकारियों की तैनाती की गई है। कुल मिला कर मामला पूरी तरह शांत है। लेकिन प्रशासन को अब भी भरोसा नहीं हो रहा है। ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन कोई भी जोखिम उठाना नहीं चाह रहा है। अब तक की कार्रवाई को लेकर डीएम-एसपी के कदम की सराहना की जा रही है। डीएम-एसपी के सूझ-बूझ का ही नतीजा है कि उस मामले में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों की आपसी सहमति से ही शव को दफनाया गया था। उसके बाद भी गलत तरीके से कुछ पियक्कडों ने लोगों को बहका कर डीएम-एसपी का घेराव करवा दिया। लगभग दस घंटे तक ठाडी पोखर के पास बंधक जैसी ही स्थिति में रहे डीएम-एसपी को 17 अक्टूबर को रात के तीन बजे में दरभंगा के डीआईजी को त्राहिमाम संदेश भेजना पडा था। डीआईजी के आने के बाद ही प्रदर्शनकारियों को खदेड कर जाम हटाया गया था। उस क्रम में चार लोगों को जेल भी भेजा गया। मधवापुर के बीडीओ द्वारा दर्ज बयान में दो सौ अज्ञात लोगों को भी अभियुक्त बनाया गया है। डीएम कुलदीप नारायण व एसपी मो0 अख्तर हुसैन कहते हैं कि मामले पर नजर रख्ी जा रही है। स्थिति संतोषप्रद होने पर ही पुलिस बल को वहां से हटाया जाएगा। बहरहाल पुलिस की तैनाती कब तक रहेगी, यह नहीं कहा जा सकता।