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निजी क्षेत्र के हर टीबी मरीज के निकट सम्पर्की को मिले टीपीटी-डीटीओ

Posted on: Fri, 28, Apr 2023 11:04 AM (IST)
निजी क्षेत्र के हर टीबी मरीज के निकट सम्पर्की को मिले टीपीटी-डीटीओ

गोरखपुर, 27 अप्रैल। जिला क्षय रोग केंद्र और स्वयंसेवी संस्था जीत टू के तत्वावधान में बुधवार की शाम को निजी क्षेत्र के चिकित्सकों के लिए सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गणेश यादव ने उपस्थित सभी चिकित्सकों से कहा कि निजी क्षेत्र में इलाज करवा रहे प्रत्येक टीबी मरीज के निकट सम्पर्कियों को टीबी प्रिवेंटिव ट्रिटमेंट (टीपीटी) अवश्य दिलवाया जाए।

इस कार्य में जिला क्षय रोग केंद्र और संस्था की तरफ से पूरी मदद की जाएगी। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि टीबी मरीज के साथ रहने वाले अत्यंत निकट सम्पर्की भी मास्क व स्वच्छता का ध्यान न रख पाने के कारण टीबी संक्रमित हो सकते हैं। इससे बचाव के लिए टीपीटी कार्यक्रम चल रहा है। इसके तहत टीबी मरीज के पांच वर्ष से अधिक आयु वाले सभी निकट सम्पर्कियों की एक्स रे जांच कराई जाती है। अगर उनमें टीबी की पुष्टि होती है तो टीबी की दवा चलती है।

अगर किसी भी निकट सम्पर्की में टीबी की समस्या नहीं है तब भी बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को छह माह तक टीबी से बचाव की दवा खानी है। इसी उद्देश्य से निजी चिकित्सकों को टीपीटी की महत्ता से अवगत कराया गया। उन्हें बताया गया कि निजी क्षेत्र में इलाज करा रहे मरीजों के परिजनों को भी सरकारी प्रावधानों के अनुसार एक्स रे की सुविधा दी जाएगी और साथ ही जिला क्षय रोग केंद्र द्वारा टीपीटी की दवा भी उपलब्ध कराई जाएगी। डॉ यादव ने बताया कि बिना किसी बीमारी के छह माह तक दवा खाने से लोग कतराते हैं, जबकि टीबी से बचाव का सिर्फ यही एक सशक्त तरीका है।

चिकित्सकों को मरीज एवं निकट सम्पर्कियों को प्रेरित करना है। टीबी मरीज के प्रत्येक निकट सम्पर्की को कांटैक्ट ट्रेसिंग के लिए भी प्रेरित करना है। साथ ही बताना है कि अगर किसी भी सम्पर्की को दो हफ्ते से अधिक की खांसी, शाम को बुखार, बुखार के साथ पसीना आना, वजन तेजी से घटना, भूख न लगना और बलगम में खून आने जैसी समस्या हो तो तुरंत टीबी की जांच कराएं। कार्यक्रम को उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव, चिकित्सा अधिकारी डॉ एएन त्रिगुण, चेस्ट फिजिशियन डॉ वीएन अग्रवाल, डॉ नदीम, डॉ सूरज जायसवाल और जीत टू संस्था के ड्रिस्ट्रिक्ट लीड अमित कुमार श्रीवास्तव ने भी सम्बोधित किया और टीपीटी की महत्ता के बारे में जानकारी दी। कुल 30 चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्रा ने किया।

निक्षय मित्र बने डॉ वीएन अग्रवाल

निजी क्षेत्र से सर्वाधिक टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन करने वाले चेस्ट फिजिशियन डॉ वीएन अग्रवाल ने कार्यक्रम के दौरान ही एक 16 वर्षीय बच्ची को गोद लेकर निक्षय मित्र की भूमिका निभाने का संकल्प लिया। बच्ची के पिता कपड़े की दुकान पर काम करते हैं जबकि माता दिहाड़ी मजदूर हैं। डॉ अग्रवाल ने कहा कि वह अपने यहां इलाज करवा रहे 30 बच्चों को भी गोद लेंगे और उन्हें पोषक सामग्री देंगे। साथ में उनका मनोबल भी बढ़ाएंगे ताकि वह जल्दी ठीक हो जाएं।




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