उड़ाका दल ने कालेज के खिलाफ छपवा दी खबर
मऊः (सईदुज़्जफर) भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए चाहे जितनी भी प्रयास कर लिये जाएं सब बेकार हैं, क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ विभाग के लोग न सुधरने की कसम खा रखे हैं, और शिक्षा का मन्दिर भी इस से अछूता नहीं है। आप को बता दें कि इस समय वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल युनिवर्सिटी से सम्बद्ध सभी कालेजों में बीए, बीएससी, बीकॉम व एमए आदि की परीक्षाएं चल रही हैं, और नकल पर नकेल लगाने के लिए सभी तरह की कवायद की गयी।
इस साल परीक्षाएं पहली बार सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हो रही हैं। इसके बाद भी नकल को लेकर पैसों के खेल का एक बड़ा मामला सामने आया है। नकल पकड़ने पर सचल दस्ते ने पैसों की मांग की और पैसा न मिलने पर गलत रिपोर्ट लगा कर भेज दी गई, ये पूरा मामला घोसी के जमालपुर मिर्जापुर स्थित रामलगन महाविद्यालय का है जहां कल 27 मार्च को बीए भूगोल की परीक्षा चल रही थी। तभी जिला मऊ में बनाये गये सचल दस्ता संयोजक के द्वारा औचक निरीक्षण किया गया जिसमें 4 परीक्षार्थियों के पास सघन तलाशी में कपड़ों के अन्दर छिपाकर रखी गयी नकल सामग्री बरामद हुई।
तत्पश्चात रिस्टीकेशन की कार्रवाई की गई इस समय टीम द्वारा पैसों की मांग भी की गई और पैसा न मिलने पर आज एक समाचार पत्र में यह दिखाया गया कि परीक्षा के दौरान कालेज में सीसीटीवी कैमरा बन्द था और दर्जनों छात्रों द्वारा चिटों की बौछार की गयी। इसकी लिखित शिकायत कुलपति सहित मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री, परीक्षा नियंत्रक पूर्वांचल विश्वविद्यालय को करते हुए रामलगन पी जी कालेज के केन्द्राध्यक्ष डॉ एकनाथ सिंह ने मांग की है कि पैसों की मांग करने व विश्वविद्यालय की गरिमा खराब करने वाले अधिकारियों के पीछे एलआईओयू की टीम लगायी जाए और जो कैमरा बन्द करने की सूचना दी गई है उसका भौतिक सत्यापन करवाते हुए उचित कार्रवाई की जाए और इन्हें कार्य सेवा से मुक्त किया जाए।