• Subscribe Us

logo
03 मई 2024
03 मई 2024

विज्ञापन
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।
समाचार > संपादकीय

फिर रावण मारा गया..

Posted on: Sun, 25, Oct 2020 2:52 PM (IST)
फिर रावण मारा गया..

रावण फिर मारा गया, काश! उसं मारने वाले राम होते। सीधी सपाट भाषा में कहें तो रावण को मारने का हम सिर्फ उसे है जिसके भीतर बुराइयां न हों या फिर वह अपनी खुद की बुराइयों पर विजय पाने में समर्थ हो। जिसकी इन्द्रिंया नियंत्रित न हो, जो लालच के वशीभूत हो, जिसके मन में बैर छिपा हो, जो राष्ट्र और समाज का हित न सोच पाये उसे रावण को मारने का हक नही है।

रावण अहंकारी था, पर स्त्री का उसने सम्मान नही किया और श्रीराम की भार्या सीता का अपहरण कर लिया, वह खुद को विश्व विजेता यानी भगवान से भी बड़ा मानने लगा था। रावण की इन्द्रियां उसके वश में नही थीं। अपनी इन्ही बुराइयों के कारण वह मर्यादा पुरूषोत्तम के हाथों मारा गया। हम मर्यादा पुरूषोत्तम तो नही हो सकते किन्तु हमे रावण भी बनने का प्रयास नही करना चाहिये।

राम बनने का प्रयास करते करते कम से कम हम एक अच्छा इंसान तो बन सकते हैं। आइये इस बार विजयादशी को यही संकल्प लेते हैं कि अपने पास जितनी बुराइयां हैं उनमे कुछ को रावण के पुतले के साथ जला देंगे। यदि ऐसा आप बार बार सोचेंगे तो निःसंदेह ऐसा करने का आपका मन कहेगा। और ऐसा करते करते हम एक अच्छे इंसान बन जायेंगे जो इस देश की सबसे बड़ी ताकत है।


ब्रेकिंग न्यूज
UTTAR PRADESH - Basti: भाजपाई हुये पूर्व कैबिनेट मंत्री राजकिशोर सिंह GUJRAT - Bharuch: अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल की भावुक अपील, ‘‘तानाशाही से देश को बचा लो’’