बलात्कार की घटनाओं पर कुछ बोलते क्यों नहीं पीएम
अशोक श्रीवास्तवः देश में बलात्कार की घटनायें थमने का नाम नही ले रही हैं। रोज कहीं न कहीं बेटियों की इज्ज़त लूटी जा रही है। दरिंदगी का आलम ये है कि बलात्कार की घटनाओं को अंजाम देने के बाद लोग पीड़िता को जिंदा जला दे रहे हैं। ऐसी दरिंदगी की तो किसी ने कल्पना भी न की होगी, खास तौर से उस देश में जहां नारियों को दुर्गा लक्ष्मी और सरस्वती समझा जाता है।
इतने संस्कारवान देश में आखिर कौन है जो पूरे समाज पर सवाल खड़ा कर रहा है। हैदराबाद में जानवरों का इलाज करने वाली डाक्टर प्रियंका रेड्डी को शायद पता नही था कि बीमार तो हमारा समाज है और वह इलाज जानवरों का कर रही है। असल में इलाज की जरूरत है दो पैरांं वाले जानवरों को जो अपने कुकर्मो से समाज को दूषित करते जा रहे हैं। सोशल मीडिया से लेकर अखबारों, टीवी चैनलों और यू ट्यूब पर सुबह से शाम तक बेटियों की चीखें सुनाई दे रही हैं। महिलाओं संग हो रहे दुराचार से कोई प्रदेंश और जिला अछूता नही रह गया है। प्रधानमंत्री का मौन रहना हैरान करने वाला है। उन्नाव, इटावा, हैदराबाद, पलवल, दिल्ली, फरीदाबाद, देवरिया, बस्ती, कानपुर, दरभंगा सहित अनेक शहरों में रोगटे खड़े देने वाली घटनायें हुई लेकिन प्रधानमंत्री मौन हैं।
‘‘बहुत हुआ महिलाओं पर अत्याचार, अबकी बार मोदी सरकार’’ का नारा देकर सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी के बारे में देशवासियों ने ऐसा कभी नही सोचा था कि इतने संवेदनशील मुद्दों पर देश के प्रधानमंत्री मौन रहेंगे। कानून व्यवस्था चरमरा गई है लेकिन प्रधानमंत्री ’’मौन’’ हैं और उन्होंने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा है। उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां एक साधू ने प्रदेश की बागडोर संभाल रखी है जो सबकुछ बर्दाश्त कर सकता है चरित्र गिरावट नहीं। यही उसकी मजबूती है जो उसे समाज में सम्मान दिलाती है। लेकिन उत्तर प्रदेश में भी महिलाओं की सुरक्षा के लिये कोई ठोस कदम नही उठाये गये।
बलात्कार की घटनाओं से चारों ओर हाहाकार मचा है। देश की आत्मा छलनी हो रही है। कोई ठोस कदम न उठाया जाना शर्मनाक है। हैदराबाद सामूहिक बलात्कार के चार आरोपियों को पुलिस द्वारा मौत के घाट उतारने की जनता एक सुर में सराहना कर रही है। इससे जनता के गुस्से का अंदाजा लगाया जा सकता है। वह दिन दूर नही जब जनता खुद फैसले लेने लगेगी और गंभीर मामलों के अपराधी सरेआम मार दिये जायेंगे। बेहतर होगा समय से प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ें, बलात्कार की घटनाओं पर कुछ बोलें वरना देश का माहौल विषाक्त होने से कोई रोक नही पायेगा और नतीजा अकेले सरकार नही जनता को भी भुगतना पड़ेगा।