• Subscribe Us

logo
01 मई 2024
01 मई 2024

विज्ञापन
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।
समाचार > संपादकीय

नेता, अफसर दोनो मिलकर नहीं बदल पाये गांव की तस्वीर

Posted on: Sun, 17, Jun 2018 8:24 AM (IST)
नेता, अफसर दोनो मिलकर नहीं बदल पाये गांव की तस्वीर

अशोक श्रीवास्तवः गुड गवर्नेन्स का वादा कर सत्ता में आयी केन्द्र की भाजपा की सरकार द्वारा लिये गये तात्कालिक निर्णय ने देशवासियों को काफी प्रभावित किया था। प्रधानमंत्री ने इसके जरिये जनता के दिलों में उतरने का प्रयास किया। वे कितने लोगों के दिलों में उतर पाये यह वक्त पायेगा, लेकिन उनकी मनमोहक बातों का कितना असर हुआ ये हम बतायेंगे। प्रधानमंत्री ने सांसदों से अपनी हैसियत का व्योरा जमा करने को कहा, महज कुछ ही लोगों ने ऐसा किया, बाकी सब घाघ बने रहे और ब्योरा आज तक नही जमा किया। दूसरी बात उन्होने गांवों को गोद लेने की कही।

उनके मुंह से निकला नही कि गांव को गोद लेने वालों की लाइन लगी, शुरूआत में ऐसा लगा कि अफसरों और नेताओं ने उनकी बात पर अमल किया तो गांव नही बचेंगे गोदं लेने के लिये। दूसरी बात भी पूरी तरह मजाक बनकर रह गयी। सांसदों, अफसरों यहां तक कि मंत्रियों द्वारा गोद लिये गावों की तस्वीर नही बदली। जिन गावों को गोद लिया गया है वहां की जनता इसे मजाक समझती है। तीसरी बात में प्रधानमंत्री ने शौचालय को शिवालय से ज्यादा जरूरी बताया और स्वच्छ भारत अभियान का आगाज़ किया। एक प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से चूल्हा चक्की, शौचालय और स्वच्छता की बात कहे तो देशवासियों का तो कलेजा निकाल ही लेगा। वही हुआ, पूरा देश नमो नमो करने लगा।

फिलहाल आज हम अपने पाठकों को एक ऐसे गांव की तस्वीर दिखाना चाहते हैं जिसे सीडीओ, आईएएस चन्द्रमोहन गर्ग और भाजपा के जिलाध्यक्ष पवन कसौधन ने गोद लिया था। ये तीन लोग मिलकर भी गांव की तस्वीर नही बदल पाये। यह गांव बहुत दूर नही है। हम जनपद मुख्यालय से महज 2 किमी पर जिला अस्पताल के पीछे स्थित मनहनडीह गांव की बात कर रहे हैं। यहां की प्रधान अंजू देवी का भाई उनका प्रतिनिधि है। वह भी यहां नही रहता, वह पुलिस महकमे में नौकरी करता है और सुबह पांच बजे निकलकर शाम 7 बजे वापस आता है। उसकी दिनचार्य से समझा जा सकता है कि गांव की समस्याओं को कितना समझता और निस्तारण करता होगा। पुलिस में होने के कारण दबंगई कोई नई बात नहीं।

आपको बता दें गांव में जल निकासी सबसे बड़ी समस्या है। साफ सफाई की हालत ये हैं कि बरसात आते ही यहां संक्रामक बीमारी दस्तक दे सकती है। नाली खड़न्जा की समस्यायें भी परेशानी का सबब हैं। सफाईकर्मी कभी दिखायी नही देता। एक बार दिखा तो ग्रामीणों ने उससे जबरिया नाली साफ करवा लिया, उसका स्वाभिमान ऐसा जगा कि चंद सिक्कों की खातिर अपने फर्ज से गद्दारी करने वाले किसी अफसर को खुश करके उसने अपना तबादला करवा लिया।

गांव के जागरूक युवा पंकज त्रिपाठी, अनुज तिवारी, प्रशान्त पाण्डेय ने जिम्मेदारों का ध्यान कई बार खींचने का प्रयास किया। सदर विधायक दयाराम से मिलकर गांव की समस्याओं को करीब से जानने का न्योता दिया, सीडीओ से मिले, लेकिन किसी ने वहां जाने की जहमत मोल नही ली। हद उस वक्त हुई तब एक पत्रकार से सदर विधायक से कहा कि वे मनहनडीह गये थे और समस्या को सज्ञान लेकर आये हैं। हकीकत पता करने के लिये गांव में फोन किया गया तो ग्रामीणों ने बताया कि विधायक झूठ बोल रहे हैं। रही बात भाजपा जिलाध्यक्ष पवन कसौधन की, तो उन्हे उद्घाटन से ही फुर्सत नही है गांव की समस्या क्या देंखेंगे।

स्वच्छता अभियान भी महज फोटों अपॉर्चुनिटी बनकर रह गया। जनप्रतिनिधियों से लेकर नौकरशाहों तक सभी झाडू लेकर रोड पर उतर आये और समाचार माध्यमों की सुर्खिशं बनें लेकिन नतीजे इसमें भी शर्मसार करने वाले हैं। गांव के लोग निराश हैं, अफसरों की उदासीनता से वे हतप्रभ हैं, गांव वाले कहते हैं कि जनपद मुख्यालय पर स्थित गांव का ये हाल है तो दूर बसे गावों का हस्र क्या होगा।


ब्रेकिंग न्यूज
UTTAR PRADESH - Basti: रोटरी क्लब बस्ती ग्रेटर ने कान्हा गौशाला में सेवा कर दान किया सामग्री पहले सात फेरों की गारण्टी पूरी करें नरेन्द्र मोदी- डा. शीला शर्मा बसपा प्रत्याशी दयाशंकर मिश्र ने सादगी के साथ किया नामांकन रोटरी विश्व की सर्वश्रेष्ठ संस्था : सुनील बंसल भाजपा के हरीश द्विवेदी ने किया नामाकंन, लम्बा जुलूस निकालकर दिखाई ताकत