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08 मई 2024
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जानिये जयंत चौधरी ने क्यों पलटी मारी

Posted on: Sat, 10, Feb 2024 10:21 AM (IST)
जानिये जयंत चौधरी ने क्यों पलटी मारी

लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर राजनीतिक दलों में मनमुटाव से भाजपा को फायदा पहुंच रहा है। महज एक सीट पर आम सहमति न बन पाने के कारण आरएलडी प्रमुख ने भी अपने सिद्धान्तों की बलि चढ़ा दी और बीजेपी की ओर रूख कर लिया। इसी बीच बात पक्की करने के लिये भाजपा ने उनके दादा एवं पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा कर दी। आप जानते हैं राजनीति में कोई सिद्धान्त नही होता।

राजनीति में सामने वाले को कैसे पटखनी देनी है यह देश काल परिस्थितियों पर निर्भर करता है। इसके बाद कसमें वादे, जनहित सब हाशिये पर चले जाते हैं, लालच और ओहदा सिर चढकर बोलने लगता है। सौदे में चाहे भारत रत्न ही क्यों न देना पड़े। पं्रसंग से आप समझ गये होंगे हम किस बात पर चर्चा करना चाहते हैं। रालोद को 7 लोकसभा सीट का ऑफर किया था, मगर बात मुजफ्फरनगर सीट को लेकर बिगड़ गई। रालोद इसे छोड़ना नहीं चाहती थी। यहीं से दोनों दलों के बीच ये खाई और बढ़ती गई। इसी मनमुटाव का बीजेपी ने फायदा उठाया।

इसमें जेडीयू नेता बिहार के सीएम नीतीश कुमार और केसी त्यागी ने मिडिएटर की भूमिका निभाई। दोनों नेताओं ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से जयंत चौधरी की भेंट कराई। इस दौरान राजनाथ सिंह ने जयंत को खुद का बेटे जैसा बताया। इसके बाद सिर्फ 10 दिन में ही गठबंधन फाइनल हो गया। सूत्रों के अनुसार, रालोद को 2 लोकसभा सीट, 1 राज्यसभा और 1 एमएलसी सीट का ऑफर मिला है। 12 फरवरी को छपरौली में चौधरी अजित सिंह की जयंती पर होने वाले कार्यक्रम में गठबंधन का आधिकारिक ऐलान संभव है।

केसी त्यागी ने एक अखबार को बताया, “समाजवादी पार्टी मुजफ्फरनगर जिले की 2 लोकसभा सीटों पर अपने ही उम्मीदवार उतारने के फैसले पर अड़ गई थी। इससे जयंत चौधरी निराश हो गए। तभी से जयंत और भाजपा के बीच बातचीत का दौर शुरू हो गया। जयंत हमारे नेता चौधरी चरण सिंह के पौत्र रहे हैं। हम निरंतर उनके संपर्क में रहते हैं। लगातार मीटिंग होती रहती हैं। वो इण्डिया गठबंधन से काफी पहले से ही निराश चल रहे थे। हमने उन्हें गठबंधन से बाहर आने का रास्ता दिखाया। “अब जरा जयंत चौधरी का वो बयान याद कीजिये जब उन्होने भरी पंचायत में कहा था ‘‘मै चवन्नी थोड़ी हूं, कि पलट जाऊंगा’’।

शायद उन्हे नही मालूम कि यह राजनीति है और यहां आकर बड़े बड़े सिद्धान्तवादी पलट गये हैं, आप क्या हैं ? नीतीश पलटी मार गये तो आपके पलटने से किसी को हैरानी नही है। हैरानी इस बात की है कि हाथरस में यूपी पुलिस से सरकार ने आपको जानवरों की तरह पिटवाया था, रालोद कार्यकर्ताओं ने सुरक्षा घेरा बनाकर लाठियों की चोट अपनी पीठ पर लेकर आपको लहूलुहान होने से बचाया था। जनता की छोड़ दीजिये, आप लोग जनता के लिये तो कुछ करते नहीं, कम से कम कार्यकर्ताओं से तो पूछ लिया होता जिनके स्वाभिमान आपके फैसले से चकानाचूर हुये हैं। फिलहाल हम फिर अपनी बात दोहराना चाहेंगे ‘लालाच हो या राजनीति, आदमी को कुत्ता बना देती है’।


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