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26 अप्रैल 2024
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लोकतंत्र खत्म हो रहा है, हम आखिरी सीन का इंतजार कर रहे हैं-पार्ट 2

Posted on: Sat, 25, Mar 2023 11:42 AM (IST)
लोकतंत्र खत्म हो रहा है, हम आखिरी सीन का इंतजार कर रहे हैं-पार्ट 2

देश भर में किसान, छात्र, व्यापारी, नौजवान, महिलायें, नेता, जज, कानून के रखवाले और मीडिया सब डरे हुये हैं। केन्द्र में एक ऐसी सत्ता काम कर रही है जो अहंकार में डूब चुकी है। राहुंल गांधी ने कहा था सब चोरों के सरनेम मोदी क्यों है। उन्होने ये नही कहा सब मोदी चोर हैं। फिर भी पूरा समाज आहत हुआ और मानहानि हो गया।

राहुल गांधी का कहना था कि नीरव मोदी और ललित मोदी मेहुल चौकसी देश का पैसा लेकर विदेश भाग गये हैं। इतना कहने मात्र से राहुल गांधी को दो साल की सजा और 15 हजार का आर्थिक दण्ड सुनाया गया और अभी वे उच्च अदालत में अपील करने की तैयारी कर रहे थे कि बगैर कोई देरी किये उनकी वायनाड सीट से लोकसभा की सदस्यता भी रद कर दी गयी। कांग्रेस आन्दोलित है, अन्य विपक्षी दलों के नेता ट्वीटर पर जंग लड़ रहे हैं। गोदी मीडिया पूरी ताकत से इस पूरे घटनाक्रम को सही ठहराने में लगी है।

अच्छे भले पढ़े लिखे, कई बार सांसद चुने गये नेता को पप्पू, किसी को बुआ किसी को बबुआ, किसी को थी्र इडियट, किसी को दीदी ओ दीदी, किसी को बार डांसर और किसी को मुल्ला मुलायम आदि अपमानजनक शब्दों से सम्बोधित करने वालों से कोई सवाल पूछने को तैयार नही है और न ही इन शब्दों से किसी का अपमान हुआ है। अंधभक्त भी खुश हैं। जनता भी खुश है। जनता को अब इससे कोई मतलब नही कि लोकतंत्र कहा जा रहा है। जनता को इस बात का अहसास नही के बराबर है कि लोकतंत्र को कमजोर कर तानाशाही इसी तरह अपना मुकाम बनाती है।

उसे तकलीफ थी जब 1200 में मिलने वाली गैस 400 में मिलती थी, 100 रूपये में मिलने वाला पेट्रोल 50 रूपये में मिलता था, 1500 रूपये में बनने वाला ड्राइविंग लाइसेंस 100 रूपये में बनता था, प्लेटफार्म टिकट, मोबाइल डेटा और रोजमर्रा की वस्तुयें इसकी आधी कीमत पर मिलती थी। खुशी इस बात की है कि ये महंगी चीजें खरीद कर जनता भारत को विश्व गुरू बनाने और रामराज लाने में अपना योगदान दे रही है। उसे चाहे बंदर काटे, सांड मारे या फिर भारी भरकम टैक्स चुकाने के बाद भी गड्ढायुक्त सड़कों की दुश्वारियां झेले, कोई फर्क नही पडता।

जनता शायद भ्रम में है, राहुल गांधी ने सच्चाई सामने लाना शुरू किया। वे संसद में जनता की आवाज बनकर बोले। उनका कहना है कि जनता की गाढ़ी कमाई अमीरों पर लुटाई जा रही है। देश के अमीरों का लाखों करोड़ रूपये का लोन राइट ऑफ किया जा रहा है। चंद पूजीपतियों पर सरकार इस कदर मेहरबान है कि जनता का हित भी भूल गयी है। गिने चुने पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिये जनता की जेब पर डाका डालने से भी नही चूक रही है। आज सत्ता की ताकत के पीछे सभी नतमस्तक हैं। सब कुछ इतना तेजी से हो रहा है जैसे लगता है एक हफ्ते में कांग्रेस खत्म हो जायेगी।

देश के दो बड़े दलालों से भी कोई सवाल पूछने को तैयार नही है। कोई पेट्रोल का दाम 35 रूपया होने के दावे कर रहा था, कोई भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये लोकपाल और सिटीजन चार्टर की मांग को लेकर खाना पानी सब छोड दिया था। उनका पता नही कहां गये। लोग बताते हैं वे बड़े सुखी हैं, एक का एनजीओ करोड़ों का कारोबार करता है दूसरे का व्यापार नम्बर एक पर है। जिस तरह के घटनाक्रम सामने हैं उससे साफ जाहिर है कि राहुंल गांधी को चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहरा दिया जाये और 2024 में एक बार फिर सरकार बन जाये। लेकिन हालात पहले जैसे नही हैं। अब सत्ता का मद, सामने आ चुका है। मौजूदा परिवेश में जनता और मीडिया का मौन इसी तरह कायम रहा है तो कुछ साल बाद हम यह कहते नजर आयेंगे कि भारत एक लोकतांत्रिक देश था।


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