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डिग्री फर्जी निकली तो राहुंल से भी सख्त सजा मिल सकती है पीएम मोदी को

Posted on: Fri, 07, Apr 2023 10:54 AM (IST)
डिग्री फर्जी निकली तो राहुंल से भी सख्त सजा मिल सकती है पीएम मोदी को

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री को लेकर पूरे देश में बवाल मचा है। विपक्ष के साथ साथ देश की 130 करोड़ जनता भी पीएम मोदी के डिग्री की सच्चाई जानना चाहती है। हैरानी की बात है कि इसको लेकर प्रधानमंत्री का कोई बयान अभी तक नही आया है। एक पढ़े लिखे आदमी को अनपढ़ कहना किसी गाली से कम नही है लेकिन पीएम मोदी इसे बर्दाश्त कर रहे हैं।

इससे ज्यादा हैरानी उस वक्त हुई जब गुजरात हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 25 हजार का जुर्माना लगा दिया। गलती सिर्फ इतनी थी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री मांगी थी। केजरीवाल ने 2 अप्रैल को पत्रकार वार्ता में कहा था पीएम अगर पढ़े लिखे नहीं होंगे तो अफसर उन्हे गुमराह कर देंगे। इस देश में पीएम को पढ़ा लिखा होना चाहिए, क्योंकि उनको कई महत्वपूर्ण फैसले लेने होते हैं। केजरीवाल ने कहा कि गुजरात हाई कोर्ट का ऑर्डर आया है कि देश के लोग पीएम की शिक्षा के बारे में जानकारी नहीं ले सकते. इससे देश स्तब्ध है। लोकतंत्र में जानकारी मांगने की आजादी होनी चाहिए।

केजरीवाल ने यह भी कहा किसी का भी अनपढ़ होना, कोई गुनाह या पाप नहीं है। मैंने जानकारी इसलिये मांगी, कि 75 सालों में देश उतना तरक्की नहीं कर पाया जितना करना चाहिए था। हाईकोर्ट के ऑर्डर ने प्रधानमंत्री की शिक्षा को लेकर संशय बढ़ा दिया है. अगर डिग्री है और सही है, तो दिखाई क्यों नहीं जा रही। कुछ समय पहले अमित शाह और अरूध जेटली ने प्रेसवार्ता कर प्रधानमंत्री की डिग्री दिखाई थी. जो फर्जी है। तकरीबन आज से सात साल पहले यानि साल 2016 में अरविंद केजरीवाल ने आरटीआई लगाकर पीएम मोदी की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मांगी थी।

इससे पहले इसी साल फरवरी में हुई सुनवाई के दौरान विश्वविद्यालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दावा किया था कि छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है क्योंकि प्रधानमंत्री की डिग्री के बारे में जानकारी ’पहले से ही सार्वजनिक है’ और विश्वविद्यालय ने पूर्व में एक खास तारीख पर अपनी वेबसाइट पर जानकारी को सार्वजनिक किया था। सार्वजनिक की गई डिग्री के मुताबिक पीएम ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए और गुजरात विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की है। आपको बताते चलें कि चुनाव आयोग में दिये हलफनामे में पीएम मोदी ने 1967 में इंटर, 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए और साल 1983 में गुजरात से एमए की डिग्री का जिक्र किया था।

पीएम मोदी ने इन्टायर पॉलिटिकल साइंस में प्रथम श्रेणी में एमए किया था। जब पीएम मोदी की डिग्री का विवाद उठा तब अहमदाबाद स्थित गुजरात विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति एम.एन. पटेल ने भी पीएम की एमए डिग्री के बारे में जानकारी दी थी बताया था कि उन्होने प्रथम श्रेणी में 62.3 प्रतिशत अंकों के साथ एमए पास किया था। हालांकि, यह भी कहा कि मोदी की बीए की डिग्री से जुड़े रिकार्ड उनके पास नहीं हैं क्योंकि यह डिग्री दिल्ली से ली गई थी। वहीं आप नेता संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री की डिग्री का मामला जब से सामने आया है पूरी बीजेपी बौखला गई है।

सारे नेता प्रवक्ता प्रधानमंत्री की फ़र्जी डिग्री को सही साबित करने में लग गए हैं. जो डिग्री सार्वजनिक की जा चुकी है। उनका कहना है गृहमंत्री ने जो डिग्री दिखाईं वो फर्जी थी. चुनाव आयोग कहता है कि अगर जानकारी फर्जी निकली तो सदस्यता चली जाएगी, तब ना वो‌ प्रधानमंत्री रहेंगे और ना चुनाव लड़ने लायक बचेंगे। आप नेता ने कहा कि डिग्री में यूनिवर्सिटी की स्पेलिंग गलत है। नकल के लिये अकल चाहिये। दूसरा जिस फांट में डिग्री है वो 1992 में आया जबकि डिग्री 1983 की बताई जा रही है।

तीसरा खुद प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते 2005 में झूठ क्यों बोला कि उनकी केवल स्कूली शिक्षा हुई है। संजय सिंह ने कहा पीएम मोदी ने या तो 2005 में मुख्यमंत्री रहते झूठ बोला या फिर उनकी डिग्री फर्जी है। एक और जानकारी सामने आ चुकी है जिसे पीएम मोदी के झूठ की पोल कर रख दी है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी की डिग्री पर हस्ताक्षरण करने वाले वीसी 1981 में दुनियां से चले गये थे, ऐसे में 1983 में उनके हस्ताक्षर कैसे आ गये। कुल मिलाकर यहां एक बात कहना जरूरी है कि किसी भी देश में प्रधानमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे व्यक्ति की पढ़ाई लिखाई के बारे में इतना ज्यादा संशय उत्पन्न हो जाये तो इससे बड़ी शर्मनाक बात कुछ नही हो सकती।

सीपीआई लीडर अमरजीत कौर के बयान से भी तहलका मचा हुआ है। उनका दावा है कि वे उसी समय मोदी, अरूण जेटली, विजय गोयल आदि के साथ पढ़ी थीं। उस वक्त जितनी डिग्रियां बनती थी सब हस्तलिखित रहती थी, मेरी डिग्री भी हस्तलिखित है। मोदी की डिग्री टाइप की हुई कहां से आ गयी। उन्होने कहा झूठ बोलकर पहले सत्ता हासिल की और बाद में मितरों तथा मीडिया को इस्तेमाल कर पूरे देश को गुमराह किया। वायरल वीडियों में सीपीआई लीडर अमरजीत कौर यहां तक कहती नजर आ रही है कि पहले अंग्रेजों की गुलामी की और अब अमेरिका की गुलामी कर भारत को कमजोर किया जा रहा है। उन्होने वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेंचने वाली बात को भी झूठ बताया, कहा स्टेशन 1973 में बना तब वहां गाड़ी रूकनी शुरू हुई। 24 साल की अवस्था में उन्होने वडनगर में चाय कब बेंची।

फिलहाल पीएम की डिग्री और राहुल गांधी से जुड़े घटनाक्रम को लेकर विगत कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छबि को गहरा धक्का लगा है। इस पूरे मामले में बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने शायद सोचा होगा कि सदस्यता खत्म होने और कोर्ट से सजा का ऐलान होने के बाद राहुंल गांधी जनता के बीच जाने लायक नही रह जायेंगे। लेकिन दांव उल्टा पड़ता नजर आ रहा है। विपक्ष का खात्मा करते करते रूलिंग पार्टी ने विपक्ष के हाथों में ऐसा हथियार थमा दिया है जिसका जवाब देना मुश्किल हो रहा है। संजय सिंह की बात सच साबित हुई तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राहुल गांधी से भी ज्यादा सख्त सजा मिल सकती है और ऐसा हुआ तो वे न तो सांसद रह जायेंगे और न ही चुनाव लड़ पायेंगे। फिलहाल भारत में ही नहीं विदेशों में भी पीएम मोदी की डिग्री को लेकर भारत की खूब किरकिरी हो रही है।


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