• Subscribe Us

logo
26 अप्रैल 2024
26 अप्रैल 2024

विज्ञापन
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।
समाचार > संपादकीय

सूचनायें छिपाने की नही सार्वजनिक करने की जरूरत

Posted on: Wed, 01, Apr 2020 4:11 PM (IST)
सूचनायें छिपाने की नही सार्वजनिक करने की जरूरत

अशोक श्रीवास्तवः बीआरडी मेडिकल कालेज में बस्ती जनपद मुख्यालय के गांधीनगर निवासी 25 वर्षीय कोरोना संदिग्ध हसनैन की मौत के मामले में स्थानीय प्रशासन पर सूचनायें छिपाने के आरोप लग रहे हैं। मीडिया में खबरें वायरल होने के बाद सम्बन्धित मोहल्लों तथा इससे जुड़ने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया गया। मौके पर पूरा प्रशासनिक अमला पहुंचा। सभी को बाहर न निकलने की हिदायत दी गयी। मोहल्ले को आनन फानन में सेनेटाइज कराया गया। लॉकडाउन मेन्टेन रखने के लिये पुलिस का सख्त पहरा हो गया। हालांकि मीडिया संस्थान स्थानीय प्रशासन से खबर पुष्ट कराने का प्रयास करते रहे लेकिन किसी स्तर से आधिकारिक पुष्टि नही हुई।

अब इसी खबर को दर्जनों मीडिया संस्थान प्रमुखता से चला रहे हैं। हसनैन को मेडिकल कालेज ले जाने वाले एम्बुलेंस चालक व एक अन्य को आइसोलेट किया जा रहा है। मेडिकल कालेज में हसनैन का इलाज करने वाले, ब्लड व लार का सैम्पल लेने वाले सभी सहायकों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। गोरखपुर के जिलाधिकारी, बस्ती एसआईसी और एसीएमओ ने हसनैन को कोरोना पॉजीटिव बताया है। कोविड 19 ट्रैकर ने भी यूपी में एक कोरोना संक्रमित की पुष्टि की है। लेकिन अभी भी प्रशासन की ओर से कोई जानकारी नही दी गयी। मामला यहीं खत्म नही होता। बल्कि अनेकों सवाल उठते हैं जिसका जवाब जनता और हालात दोनो मांग रहे हैं।

सवाल ये है कि हसनैन कोरोना पॉजिटव था तो उसकी डेड बॉडी परिजनों को क्यों सौंपी गयी, वे डेड बॉडी अपने घर ले आये तो कौन से एहतियात बरते गये, डेड बॉडी घर तक लाने, संवदेना व्यक्त करने घर पहुंचने वाले, हसनैन की अंतिम यात्रा में शामिल होने वाले कौन कौन लोग हैं। क्या सभी को आइसोलेट किया गया। या ये सभी और कितने लोगों के संपर्क में आये। क्या सभी को चिन्हित करके उन्हे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया। यदि इन सब सवालों के जवाब ‘नहीं’ हैं तो ऐसे सभी लोग किसी मानव बम से कम नही हैं। वे जिसके भी संपर्क में आयेंगे उन्हे संक्रमित कर सकते हैं। स्थानीय प्रशासन को चाहिये सभी को चिन्हित कर जितना जल्दी हो सके उन्हे आइसोलेट करे।

वरना हालात काबू कर पाना मुश्किल होगा। यूपी में कोरोना संक्रमित की पहली मौत बस्ती के नागरिक की हुई है। इस सूचना को छिपाने से स्थानीय प्रशासन का क्या लाभ है और इसे सार्वजनिक करने से क्या नुकसान है यह समझ से परे है। लेकिन एक बात तय है जहां दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण से सहमी हुई है, पल पल की सूचनायें ऑनलाइन हैं ऐसे में सही जानकारी न देना अस्थिरता के माहौल को बढ़ा देना है। इतना ही नही बताया जा रहा है दिल्ली के निजामुद्दीन में हुये तब्लीगी जमात से आये 17 लोग रुधौली कस्बे में छिपे हुए थे। मंगलवार की शाम पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी को एक मकान से ढूंढ निकाला।

टीम को महिलाओं के विरोध का सामना करना पड़ा। मुरलीजोत के भी एक व्यक्ति के जमात में जाने की सूचना है। स्वास्थ्य विभाग की टीम उसको भी ढूंढ रही है। जनपद के खुफिया तंत्र को जैसे लकवा मार गया है। खास तौर से जब पूरा देश कोरोना अलर्ट पर हो। ऐसे में सूचना तंत्र का इतना कमजोर होना चिंताजनक है। फिलहाल सम्बन्धित मामले में प्रशासन को चाहिये कि हसनैन के संपर्क में आये सभी लोगों को आइसोलेट करे, वरना यह कहना अतिशयोक्ति नही होगा कि पूरा जनपद खतरे के मुहाने पर खड़ा है और हसनैन के संपर्क में आये लोग मानव बम बनकर जिले में भ्रमण कर लोगों की चिंता बढ़ा रहे हैं।


ब्रेकिंग न्यूज
UTTAR PRADESH - Basti: रिश्वत लेकर अन्ट्रेन्ड को धड़ल्ले से जारी किया जा रहा डीएल BSA ने छात्रों को पुरस्कृत कर बढाया हौसला BSA boosted morale of students by rewarding them बस्ती में दुबौलिया पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी को दबोचा GUJRAT - Bharuch: सुपारी का सत्ताईस लाख रुपये देने आया व्यापारी अंकलेश्वर रेलवे पर गिरफ्तार भीषण गर्मी में भी राज्य की प्यास बुझाने में सक्षम है नर्मदा बांध